जुनैद जहांगीर, न्यू एज इस्लाम
उर्दू से अनुवाद न्यू एज इस्लाम
2 मार्च 2022
अब समय आ गया है कि अपने अंदर देखें और पूछें कि भारत और यूएई ने रूस के खिलाफ वोट देने से क्यों बाज़ रहे।
प्रमुख बिंदु:
1. यह यूक्रेन के साथ खड़े होने का समय है
2. हमें किसी भी बहाने यूक्रेन से ध्यान नहीं हटाना चाहिए
3. यह एक ऐसे राष्ट्र के साथ एकजुटता का समय है जिस पर दुनिया की दूसरी सबसे शक्तिशाली सेना ने बिना उकसावे के हमला किया है।
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Ukrainians attend a rally in
central Kyiv, Ukraine.
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अल जज़ीरा ने हाल ही में यूक्रेन के लिए सहानुभूति व्यक्त करने में दोहरे मानकों और नस्लवाद पर एक लेख प्रकाशित किया, जो इराक, अफगानिस्तान या यमन जैसे अन्य देशों के संदर्भ में नदारद है। हालांकि, अब यूक्रेन के साथ खुलकर खड़े होने का समय है।
2018 में कनाडा में हम्बोल्ट त्रासदी हुई थी। बस हादसे में कई मृत और घायल युवा लड़के थे जो कि हम्बोल्ट, सस्केचेवान, कनाडा जूनियर आइस हॉकी टीम के थे। इस त्रासदी को कनाडाई लोगों ने गहराई से महसूस किया और इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
तुरंत, यह कहा गया कि कनाडाई लोगों का दान पीड़ितों के "मर्दाना पन, गोरा पन और लहीम शहीम शरीर" के कारण है। यह कड़वा विश्लेषण इसलिए प्रस्तुत किया गया क्योंकि माता-पिता अपने युवा पुत्रों के खोने से दुखी थे। मैं नैतिकता के आधार पर इस दृष्टिकोण से सहमत नहीं था कि आप किसी को तब लात नहीं मार सकते जब वे पहले ही मर चुके हों।
NBC News
Ukrainian forces fight to hold capital as Russia vetoes UN Security Council resolution
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यूक्रेन के मामले में भी ऐसा ही तर्क दिया जा रहा है। लेकिन यह एक विचलित करने वाला दृष्टिकोण है। इससे एकता के बजाय अराजकता और कलह पैदा होता है। अब यह इस तरह के विश्लेषण का समय नहीं है। अब एक ऐसे राष्ट्र के साथ एकजुटता दिखाने का समय है जिस पर दुनिया की दूसरी सबसे शक्तिशाली सेना ने बिना उकसावे के हमला किया है।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि इस त्रासदी के आईने में खुद को देखने पर लोग कड़ी प्रतिक्रिया देते हैं। उदाहरण के लिए, पाकिस्तानी प्रधान मंत्री इमरान खान ने इस बात से इनकार किया है कि वहां किसी उइगरों को सताया गया है। कुछ समय से रोहिंग्याओं की अनदेखी की जा रही है क्योंकि मुसलमान फिलिस्तीन में व्यस्त थे। इसके अलावा, आम तौर पर मुसलमानों को 2014 में मध्य अफ्रीकी गणराज्य में मुसलमानों की दुर्दशा के बारे में आम तौर पर कोई चिंता नहीं है। कई लोगों को वहां के हालात के बारे में पता भी नहीं होगा।
जहां तक पश्चिम में नस्लवाद का सवाल है तो यह एक सच्चाई है कि वहाँ नस्लवाद है। लेकिन यह हर जगह है। यह जानने के लिए आपको दुनिया के दूसरे हिस्से में रहना होगा। जब 40 साल की सेवा के बाद आप पेंशन के बिना रह जाते हैं, जब आपकी जाति आपकी प्रगति में बाधा बन जाती है, जब आपका धार्मिक पंथ आपको प्रगति से रोकता है, जब दूसरों की ईर्ष्या आपको सफलता की सीढ़ी से नीचे गिरा देती है, ऐसे सभी स्थानों पर आपके पास अक्सर नस्लवाद के खिलाफ बोलने का अवसर नहीं होता है। मुझे लगता है कि इस बिंदु को उर्दू मुहावरे "इस हमाम में सब नंगे हैं" के प्रकाश में अधिक प्रभावी ढंग से समझा जा सकता है।
Berlin police estimate more than
100,000 people attended an anti-war demonstration in the German capital on
Sunday
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इस बात को केवल वही लोग बेहतर ढंग से समझ सकते हैं जिन्होंने इस तरह की समस्याओं का अनुभव किया हो, न कि जो विलासिता में पैदा हुआ हो। इस तरह के दिल दहला देने वाले तर्क अक्सर ऐसे लोग देते हैं जो समृद्ध स्थानों से होते हैं। जबकि समाज के दबे कुचले लोगों के पास शिकायत करने का समय नहीं होता। उन्हें तो बस जीविकोपार्जन करना होता है।
अब हम यूक्रेन के बारे में बात करते हैं, अब हास्यास्पद विश्लेषण करने का समय नहीं है। यूक्रेन से ध्यान हटाने की जरूरत नहीं है। हमें अपने मामूली मुद्दों से ध्यान हटा कर दूसरों के लिए खड़े होना और उनके प्रति सहानुभूति दिखाना चाहिए। यह नैतिकता की शिक्षा है: बिना किसी हीले या बहाने के उत्पीड़ितों का समर्थन किया जाए।
बहर हाल, अब समय आ चुका है कि हम अपने अंदर झाँक कर पूछें कि भारत और यूएई ने रूस के खिलाफ वोट देने से परहेज क्यों किया, या पाकिस्तानी प्रधान मंत्री ने पुतिन से हाथ क्यों मिलाया, क्योंकि वह अपने से बहुत छोटी और सैन्य रूप से कमज़ोर कौम के उपर तबाही मचा रहे थे। संक्षेप में, अब समय आ गया है कि युक्रेन का साथ खुल कर दिया जाए। (यूक्रेन जिंदाबाद, इसके हीरो पाइन्दाबाद)।
We, The People, Must Stand
Unequivocally With Ukraine
English Article: We, The People, Must Stand Unequivocally With Ukraine
Urdu Article: We, The People, Must Stand Unequivocally With Ukraine
ہم
سب کو یوکرین کے ساتھ کھڑا ہونا چاہیے
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