मोहम्मद ज़ुबैर ख़ान
22 मार्च 2022
पाकिस्तान में सिंध प्रांत के सक्कर ज़िले में एक 18 वर्षीय हिंदू लड़की पूजा की
हत्या कर दी गई है. हत्या के बाद सक्कर में विरोध प्रदर्शन हुआ है. पुलिस ने एक अभियुक्त
को गिरफ़्तार किया है.
पूजा कुमारी के क़रीबी रिश्तेदार अजय कुमार ने बीबीसी उर्दू को बताया कि ''इस घटना के बाद, पूजा प्रतिरोध का प्रतीक बन गई है और अब हमारे दिलों में उसका सम्मान बढ़ गया है.''
सक्कर पुलिस द्वारा दर्ज मामले में पूजा कुमारी के पिता साहिब आदि ने आरोप लगाया है कि तीनों अभियुक्त उनकी बेटी का अपहरण करने के लिए उनके घर में घुसे, लेकिन विरोध करने पर उन्होंने पूजा की हत्या कर दी.
अधिकारियों के मुताबिक़ पुलिस इस मामले की उच्च स्तर पर जांच कर रही है, इसके हर पहलू की समीक्षा की जा रही है और उम्मीद है कि बाक़ी अभियुक्तों को भी जल्द से जल्द गिरफ़्तार कर लिया जाएगा.
रिश्तेदार अजय कुमार ने कहा कि पूजा की हत्या से न केवल स्थानीय हिन्दुओं में गुस्सा है, बल्कि इलाक़े के मुसलमानों ने भी इसका विरोध किया है और पूजा के घर पर शोक व्यक्त करने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं.
'विरोध करने पर हत्या' कर दी
अजय कुमार का कहना है कि हत्यारों ने एक 'बहादुर लड़की की हत्या की है.' उनका कहना है कि पूजा एक ऐसी लड़की थी जिसकी पूरे इलाक़े और समाज में मिसाल दी जाती थी.
"पूजा को क्षेत्र में सभी पसंद करते थे. वो सबका ख़्याल रखती थी, हर कोई उसकी तारीफ़ करता था. उसकी मिसालें दी जाती थी कि देखो कैसे वह अपने पिता का सहारा बनी हुई है. वो बचपन से ही कुछ अलग थी. वो आम बच्चों की तरह नहीं थी, बल्कि बहुत बहादुर और साहसी थी."
अजय कुमार का कहना है कि मुक़दमे में नामज़द अभियुक्त पूजा कुमारी का पड़ोसी है जो ताक़तवर और अमीर है, जबकि पूजा और उसके पिता साहिब का परिवार कमज़ोर और ग़रीब है.
उहोंने कहा कि अभियुक्त काफ़ी समय से पूजा कुमारी के पीछे पड़ा हुआ था और आते-जाते उसे परेशान करता था. उन्होंने कहा कि कथित हत्यारे ने पहले भी भरे बाज़ार में पूजा के साथ बदतमीज़ी की थी, जिसके बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के बावजूद उस व्यक्ति को ज़मानत मिल गई थी.
अजय कुमार का कहना है कि घटना वाले दिन पूजा के पिता जब घर से बाहर गए हुए थे तो अभियुक्त अपने दो अन्य साथियों के साथ घर पर पहुंचा और उन्होंने पूजा को अगवा करने की कोशिश की.
"लेकिन पूजा बहुत बहादुर थी. उसने विरोध किया. वे तीन
लोग थे और पूजा अकेली थी. उस समय पूजा सिलाई कर रही थी. उसके पास कैंची थी. पूजा ने
उसी कैंची को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया और जब वो किसी भी तरह से क़ाबू में नहीं
आई, तो अभियुक्त ने पिस्तौल
से पूजा पर फ़ायरिंग कर उसकी हत्या कर दी."
पूजा कुमारी की हत्या के बाद सक्कर में विरोध प्रदर्शन
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'बेटी नहीं बेटा थी'
पूजा कुमारी के पिता ने बीबीसी को बताया कि उनकी छह बेटियां हैं और कोई बेटा नहीं है.
"जीवन में कभी ऐसे हालात नहीं बने कि मैं पूजा को पढ़ा सकता. घर के ख़र्च पूरे करता या पूजा के स्कूल का ख़र्च उठाता. इसलिए वो हमेशा घर पर ही रहती थी."
उन्होंने कहा कि पूजा उनकी सबसे बड़ी बेटी थी जो कम उम्र होने के बावजूद उनकी मदद करना चाहती थी.
साहिब आदि ने अपनी बेटी को याद करते हुए कहा कि पूजा ने कभी कपड़ों वगैरह के लिए ज़िद नहीं की और न ही कभी किसी चीज़ की मांग की.
"जब वो थोड़ी बड़ी हुई, तो मुझसे कहने लगी कि मैं आपका बेटा हूं. मैं आपके साथ काम करने जाऊंगी. ज़ाहिर है मैं उसे मज़दूरी के लिए तो नहीं ले कर जा सकता था. लेकिन उसे सिलाई और कढ़ाई करने का शौक़ था. इसलिए मैंने उसे घर के पास ही सिलाई-कढ़ाई का कोर्स करा दिया था."
साहिब आदि का कहना है कि पूजा ने अपना सिलाई-कढ़ाई का कोर्स पूरा करने के बाद पड़ोस के लोगों का सिलाई-कढ़ाई का काम करना शुरू कर दिया.
उन्होंने कहा, "उसके हाथों में इतनी सफ़ाई थी कि जो कोई भी उससे एक बार काम कराता था, वह फिर अपना काम पूजा से ही कराता था. इस तरह उसका काम चल गया. वह ख़ुद तो नहीं पढ़ सकी थी, लेकिन उसने अपनी छोटी बहनों को स्कूल में दाख़िला दिला दिया था."
उन्होंने कहा कि काम शुरू करने के बाद पूजा उनका सहारा बन गई थी.
"वो कहती थी कि क्या हुआ अगर मेरी बहनों का कोई भाई नहीं है, मैं उनका भाई हूं. क्या हुआ अगर तुम्हारा कोई बेटा नहीं है, मैं तो हूँ."
पूजा के पिता का कहना है कि अगर वो घर पर नहीं होते थे, तो भी कभी परेशान नहीं होते थे, क्योंकि उन्हें यक़ीन था कि पूजा घर में सब कुछ संभाल लेगी.
"मैं बूढ़ा हो गया हूं, लेकिन पूजा की मेहनत ने मुझे ताक़त दे दी थी. मगर अब
ऐसा लगता है कि मैं फिर से बूढ़ा हो गया हूं."
स्रोत: बीबीसी हिन्दी
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