न्यू एज इस्लाम स्टाफ राइटर
उर्दू से अनुवाद न्यू एज इस्लाम
21 जनवरी 2023
दुसरे खलीफा हज़रत उमर रज़ीअल्लाहु अन्हु के दौरे खिलाफत में एक साल सूखा पड़ गया। खलीफा ने दूर अंदेशी का मुज़ाहेरा करते हुए सूखे के दौरान चोरी की सज़ा हाथ कांटना साकित कर दिया। कुरआन में चोरी की सज़ा हाथ कांटना निर्धारित की गई है। लेकिन यह यकीनी बनाना कि इस्लामी सल्तनत में कोई शख्स चोरी करने पर मजबूत न हो हुकूमत की जिम्मेदारी है। हज़रत उमर रज़ीअल्लाहु अन्हु ने ही जब रात गश्त के दौरान यह मालुम किया कि एक बूढी अपने भूके बच्चों को झूट बोल कर बहला रह थी बैतूल माल से आटे की बोरी अपने कंधों पर ढो कर उस बूढी के घर ले गए थे।
खिलाफत के तथाकथित अलमबरदार तालिबान हालांकि सहाबा और खुलेफा ए राशेदीन का इत्तेबा करने का दम भरते हैं मगर अमली तौर पर उनके अंदर वह दूर अंदेशी और रिआया परवरी का जज़्बा नहीं है जो खुलेफा ए राशेदीन में था। हुक्मरान अवाम की सख्त निगरानी अवश्य करता है मगर वह अवाम का दुश्मन नहीं होता।
तालिबान ने कंधार में चोरी के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया और अहमद शाही स्टेडियम में जनता के सामने उनके हाथ काट दिए। इस्लाम में चोरी की सजा हाथ काट देना है, लेकिन इसके लिए एक स्थिर न्याय प्रणाली की भी आवश्यकता है। किसी को दोषी ठहराने से पहले अपराध के उद्देश्यों को भी ध्यान में रखा जाता है। हजरत उमर द्वारा चोरी की सजा को समाप्त कर दिया गया था क्योंकि सूखे के दौरान लोगों को अनाज उपलब्ध कराना सरकार के लिए मुश्किल था। इसलिए खलीफा जानते थे कि भूख से बचने और अपने बच्चों की जान बचाने के लिए लोगों को चोरी करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
तालिबान के शासन में कोई अकाल नहीं है, लेकिन स्थिति अकाल से भी बदतर है। और तालिबान के फुकहा यह जानते हैं। तालिबान को सत्ता में आए अभी डेढ़ साल ही हुए हैं और देश की आर्थिक व्यवस्था अभी भी बहुत खराब स्थिति में है। अफगान लोगों को भोजन की जरूरत है। अफ़ग़ान सरकार गंभीर आर्थिक कठिनाई से गुज़र रही है। वह अपने सिविल सेवकों को समय पर भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। अफगानिस्तान की 55% आबादी भुखमरी से जूझ रही है। इनमें से डेढ़ लाख बच्चे भुखमरी के कगार पर हैं। लाखों बच्चे कुपोषण के कारण बीमार हैं और दर्जनों बच्चे हर हफ्ते कुपोषण के कारण मर जाते हैं। 5 साल से कम उम्र के लगभग 1 करोड़ बच्चे भुखमरी के कारण मरने के करीब हैं। लगभग 30 लाख बच्चे कुपोषित हैं क्योंकि उनके माता-पिता उन्हें पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं।
हेलमंड में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा संचालित बूस्ट हॉस्पिटल ऐसे कुपोषित बच्चों का इलाज करता है। बूस्ट अस्पताल एक अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा चलाया जाता है। गंभीर कुपोषण और टीबी से पीड़ित छोटे बच्चों के इलाज के लिए हर हफ्ते करीब 630 बच्चों को इस अस्पताल में लाया जाता है। अधिकांश बच्चे ठीक हो जाते हैं, जबकि कुछ इतने कमजोर होते हैं कि इलाज से भी जीवित नहीं रह पाते।
अफगानिस्तान में कुपोषित बच्चों की संख्या घटने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। यह इस बात का प्रमाण है कि तालिबान सरकार देश की आर्थिक स्थिति को संभालने में विफल रही है। देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। अंतर्राष्ट्रीय संगठन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। लेकिन अधिकांश अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में स्टाफ और दवाओं की कमी है। इस पर से, तालिबान ने महिलाओं के गैर सरकारी संगठनों में काम करने पर प्रतिबंध लगाकर स्वास्थ्य प्रणाली को और कमजोर कर दिया है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अंतरराष्ट्रीय दबाव और तालिबान की हठधर्मिता के कारण कई गैर-सरकारी संगठनों को अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग बंद कर दी गई है।
ऐसे में जब देश की आर्थिक और चिकित्सा व्यवस्था सबसे खराब और अस्थिर स्थिति में है और देश आपातकाल की स्थिति से गुजर रहा है, तालिबान का चोरों के हाथ काटना तालिबान की न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। तालिबान के तथाकथित फुकहा को जवाब देना चाहिए कि क्या वे हज़रत उमर की तरह भूखे बच्चों को अनाज पहुँचाने में कामयाब रहे।
चरमपंथी इस्लामिक संगठन सत्ता में आते ही दुनिया को यह आभास
देने के लिए इसी तरह की सांकेतिक कार्रवाइयाँ करने लगते हैं कि उन्होंने इस्लामी शरीअत
क़ानून को लागू कर दिया है।मोसुल में सत्ता हथियाते ही आईएसआईएस ने भी चोरों के हाथ
काटने शुरू कर दिए। जबकि यह आपातकाल का दौर था और लोग भूख और बीमारी से मर रहे थे।
तालिबान वही कर रहा है। ऐसे समय में जब उसे आर्थिक स्थिति में सुधार के उपाय करने चाहिए
और लोगों को भोजन और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए। वे भूखे
लोगों के हाथ काटने को इस्लामी न्याय का पैमाना मान रहे हैं।
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Urdu Article: Hand Amputation for Theft and the Threat of
Starvation in Afghanistan افغانستان میں فاقہ کشی اور ہاتھ کاٹے جانے کا خطرہ
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