शकील शम्सी
25 अगस्त, 2018
जर्मनी के दौरे पर गए राहुल गांधी ने वहाँ एक जलसे में जहां मोदी सरकार की असफलताएँ गिनाईं वहीँ उन्होंने एक अजीब व गरीब बयान भी दियाl उन्होंने कहा कि देश में बेरोज़गारी है और जब लोगों को रोज़गार नहीं मिलेगा तो उनको बहकाने वाली शक्तियाँ भी सक्रिय हो सकती हैं, उन्होंने उदाहरण के रुप में आइएसआइएस का नाम लिया और कहा कि अमेरिका ने जब ईराक पर हमला किया तो तिकरीत के लोगों को बहुत अनदेखा किया जिसका वहाँ के युवाओं पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ा और वह आइएसआइएस की ओर आकर्षित हो गएl राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जब आप अपने युवाओं का ख़याल नहीं रखेंगे तो दुसरे उनको बहका सकते हैंl हमें राहुल गांधी का बयान सुन कर बहुत हैरानी हुई और हम सोचने लगे कि जो व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बनने का दावेदार है और इतनी सतही सोच रखता है? क्या राहुल गांधी को नहीं पता कि उसामा बिन लादेन ने अरबों डालर का कारोबार छोड़ कर आतंकवाद का दामन थामा था? मिस्र के प्रसिद्ध सर्जन एमन अल जवाहिरी ने आतंकवाद को क्यों अपनाया क्या उनकी प्रेक्टिस नहीं चल रही थी? 9/11 के हमले में शामिल सभी 19 लोग क्या गरीबी के कारण इतने बड़े हमले पर आमादा हो गए? क्या श्रीलंका की ईंट से ईंट बजा देने वाले आतंकवादी प्रभाकरण ने रोज़ी रोटी के अभाव में आतंकवाद विकल्प किया था? ख़ैर दुसरे देशों की बात तो छोड़िये हमारे देश में मक्का मस्जिद, मालेगाँव, अजमेर की दरगाह और समझौता एक्सप्रेस में धमाके करने वाली भगवा संगठन अभिनव भारत को आर डी एक्स सप्लाई करने वाले कर्नल पुरोहित को क्या बेकारी ने आतंकवादी बनाया था?
क्या अभिनव भारत की मुखिया साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और उसके साथी धन की कमी का शिकार थे? क्या राजीव गांधी को कुछ बेरोज़गारों ने मारा था? क्या जर्नेल सिंह भंडारण वाले के पास धन की कमी थी? क्या हमारी थल सेना के पूर्व मुखिया जनरल ए एस विद्या को हरजिंदर सिंह और सुखदेव सिंह सिखा ने काम काज ना मिलने के कारण मारा था? राहुल गांधी आपकी दादी इन्द्रा को क़त्ल करने वाला दिल्ली पुलिस का सब इंस्पेक्टर और सिपाही क्या बेरोजगार थे? यह जो सनातन संस्था के लोग महाराष्ट्र में बमों के साथ पकड़े जा रहे हैं क्या उनको रोज़गार नहीं मिला? गौरी लंकेश, कलबुर्गी, पंसारे और दाबोलकर को क्या ऐसे लोगों ने मारा जिनके पास काम नहीं था? काश राहुल गांधी समझ पाते कि आज दुनिया में आतंकवादी खून की जो नदियाँ बहाते फिरते हैं वह बेरोजगार नहीं हैं और केवल मुसलमान नहीं हैं, अगर राहुल गांधी आरएसएस और भाजपा पर आलोचना करते समय आइएसआइएस के बजाए सनातन संस्था या अभिनव भारत का उदाहरण देते तो अधिक उचित होता, लेकिन जब उनको इस बात का ज्ञान ही नहीं है कि आतंकवाद क्यों पनप रहा है तो उनसे हम क्या आशा कर सकते हैं? राहुल गांधी ने आतंकवाद का उल्लेख करते समय मुस्लिम नाम वाली संगठन का नाम ले कर यह बात साफ़ कर ही दिया कि वह भी आतंकवाद को मुसलामानों के साथ ही जोड़ कर देखते हैंl
अफ़सोस की बात तो यह है कि वह समझते हैं कि आइएसआइएस या अल नुसरह जैसी संगठन कुछ ऐसे लोगों ने बनाई थीं जिनको सामाजिक रूप से अनदेखा कर दिया गया था? आश्चर्य है कि उनको यह भी नहीं पता कि आइएसआइएस और अल नुसरह या दुसरे आतंकवादी संगठन में शामिल लोग जिहाद के नाम पर पश्चिमी देशों से अपने बेहतरीन कारोबार छोड़ कर सीरिया और ईराक पहुँचते थे और उनको बकतर बंद गाड़ियां और बेहतरीन असलहे दे कर मैदान में उतारने वाला खुद अमेरिका ही थाl काश राहुल गांधी इतना गैर जिम्मेदाराना बयान देने से पहले सोचते कि अगर ईराक में तकरीत वालों को अनदेखा किया गया था तो आइएसआइएस ने सीरिया पर हमला क्यों किया? हमें हैरानी इस बात पर है कि राहुल गांधी को यह भी नहीं पता कि अमेरिका ने उस समय तक आइएसआइएस पर हमला नहीं किया जब तक उसने अमेरिका के विरोधयों को मारा काटा और अमेरिका से आइएसआइएस के संबंध केवल उस समय खराब हुए जब उसने कुर्दों, ईसाईयों और इजदियों पर निशाना लगाना शुरू कियाl हम राहुल गांधी साहब से अपील करते हैं कि वह कुछ समय खर्च करके आतंकवाद के वास्तविक कारणों को जानने की कोशिश करें और स्वयं भी इस बात का यकीन कर लें कि आतंकवाद का असल जड़ बेरोज़गारी नहीं धार्मिक कट्टरता हैl
25 अगस्त, 2018, स्रोत: इन्कलाब, नई दिल्ली
URL for Urdu article: https://www.newageislam.com/urdu-section/terrorism-result-unemployment-rahul-g/d/116201
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