सुहैल अरशद, न्यू एज इस्लाम
उर्दू से अनुवाद न्यू एज इस्लाम
13 नवंबर 2021
कुरआन इंसान को सादा जीवन जीना सिखाता है। नाम व नुमूद की इच्छा, वैभव का प्रदर्शन और अपव्यय एक गैर-इस्लामी जीवन का तरीका है। यह दुनिया मोमिन के लिए एक अस्थायी निवास है। उसे इस नश्वर दुनिया में आज़माइश और परीक्षण के लिए भेजा गया है। यहाँ उसे आख़िरत की तैयारी करनी है और खुदा और उसके रसूल की आज्ञा के अनुसार जीना है। खुदा और उनके रसूल ईमान वालों से फिजूलखर्ची से दूर रहने का आग्रह करते हैं। कुरआन कहता है:
"और बेवजह खर्च न करो, उसको फिजूलखर्ची करने वाले पसंद नहीं हैं।"
जीवन के किसी भी क्षेत्र में फिजूलखर्ची करना अल्लाह को अप्रसन्न है चाहे वह कपड़ों पर हो, शादी समारोह में, घर की पेंटिंग पर हो या खाने-पीने पर हो। अल्लाह ने हमें जीवन की जरूरतों पर, बच्चों की शिक्षा पर, उनके पालन-पोषण पर और आवास निर्माण पर उचित राशि खर्च करने की अनुमति दी है, लेकिन किसी भी काम पर आवश्यकता से अधिक पैसा खर्च करना नापसंद किया गया है। ज्यादातर आयोजनों में बहुत सारा खाना बर्बाद हो जाता है।
कुछ लोग सिर्फ अपनी दौलत दिखाने और अपनी छाप छोड़ने के लिए कपड़ों पर बहुत पैसा खर्च करते हैं। फैशन के नाम पर और लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए वे महंगे कपड़े पहनते हैं। इससे गर्व और अहंकार और खुद सताई का प्रदर्शन होता है। यह जीवन का एक पूरी तरह से गैर-इस्लामी तरीका है।पवित्र पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और उनके सहाबा मामूली और साधारण कपड़े पहनते थे। अक्सर उनके कपड़ों पर पेवंद लगे होते थे।
आजकल मुसलमानों में घरों के निर्माण पर पैसा खर्च करने का चलन बढ़ता जा रहा है।घरों के निर्माण और सजावट पर बेवजह पैसा खर्च किया जा रहा है। उन पर नक्स व निगार और रंग व रौगनी पर फुजूल खर्ची की जाती है। कुरआन मुसलमानों को मकानों और अन्य उद्देश्यों के लिए बनाए गए घरों और इमारतों को सुंदर बनाने पर अनावश्यक धन खर्च करने को नापसंद करता है।
"क्या बनाते हो हर ऊँची जमीन पर एक निशान खेलने को और बनाते हो कारिगरियाँ' हैं" शायद तुम हमेशा रहोगे। "(अल शुअरा 129)
केवल मनोरंजन के लिए, शानदार इमारतों और घरों पर कीमती पेंटिंग व नक्श व निगार, नुमाइशी जीवन की एक झलक हैं। संगमरमर और कीमती टाइलों का फर्श भी आज घरों में एक आम बात है। ऐसे में बहुत सावधानी से फर्श पर चलना पड़ता है और कभी-कभी ऐसी फर्श पर चलते समय घर के लोग नीचे गिरकर घायल हो जाते हैं। ऐसे फर्श पर दुर्घटना होने का खतरा रहता है। संगमरमर टाइलों का फर्श बेवजह खर्च में शुमार किया जाता है।
कुरआन मोमिनों से एक सरल और प्राकृतिक जीवन जीने का आह्वान करता है। नुमाइश, अहंकार, पाखंड और कृत्रिम जीवन शैली कुरआन के नजदीक अलोकप्रिय हैं। अपने घर, पहनावे और तौर-तरीकों में सादगी अपनाना इस्लामी प्रथा है। कुरआन लालित्य और अनुशासन को प्रोत्साहित करता है, लेकिन केवल इस हद तक कि कोई अपव्यय (फुजूल खर्ची) और अनावश्यक खर्च न हो। कुरआन कहता है:
" तू कह किसने हराम किया अल्लाह की ज़ीनत को जो उसने पैदा की अपने बन्दों के लिए और शुद्ध चीज़ें खाने को" (अल आराफ 23 )
तो यह स्पष्ट हो गया है कि इस्लाम स्वच्छता, पवित्रता और वैध अलंकरण की अनुमति देता है लेकिन मुसलमानों को केवल नुमाइश, अहंकार और दिखावे के लिए पोशाक, घर और रहन सहन में फिजूलखर्ची से बचना सिखाया है।
Urdu
Article: The Qur'an Teaches A Simple Way of Life قرآن سادہ طرزِ زندگی کی
تعلیم دیتا ہے
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