परवेज़ हफीज
२६ नवंबर २०२०
“मियाँ बीवी राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी”
भारत की सदियों पुरानी कहावत अब निरर्थक हो गई है। अब मर्द और औरत
दोनों की आपसी रजामंदी से हुई कानूनी शादी में भी क़ाज़ी अर्थात अदालत ना केवल
हस्तक्षेप कर सकती है बल्कि पति को सात साल तक के लिए जेल भी भिजवा सकती है। उत्तर
प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और आसाम जैसी भाजपा की सरकार वाली रियासतों ने एलान कर दिया है कि
वह अलग अलग धर्मों से संबंध रखने वाले जोड़ों की शदियों पर रोक लगाने के लिए सख्त
कानून बनाएंगे।
इस महान मुहिम का नेतृत्व उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ कर रहे हैं। उन्होंने तो एक सार्जनिक रैली में यह
वार्निंग भी दी है कि अब अगर कोई लड़का अपना नाम बदल कर या पहचान छिपा कर हिन्दू
लड़की से शादी करेगा तो उसे सेहरा नहीं कफ़न पहनने के लिए तैयार रहना होगा। काश
उन्होंने ऐसी “जान लेवा” धमकी कभी उन
रेपिस्ट को दी होती जो उत्तर प्रदेश में लड़कियों की इज्जत तार तार कर रहे हैं।
कानूनी दायरे में रह कर बेटियों को पुरे
सम्मान के साथ ब्याह कर ले जाने वाले लड़कों को भाजपा सरकार सज़ा देने को केवल इसलिए
बेकरार हैं क्योंकि वह मुस्लिम हैं। लेकिन यौन दरिन्दों पर लगाम लगाने की फ़िक्र
नहीं है जो हर दिन मासूम लड़कियों का ना केवल रेप करते हैं बल्कि अपनी हवस मिटाने
के बाद पाप के सबूत मिटाने के लिए उन लड़कियों का वजूद भी मिटा देते हैं।
यहाँ सरकार और पुलिस की पुरी तवानाई पीड़िता
को न्याय दिलवाने के लिए मुजरिमों को कानूनी शिकंजे से बचाने के लिए खर्च की जाती
है। जब तक देश में मोहब्बत, भाई चारा, इत्तेहाद और सहिष्णुता थी, भाजपा की दाल नहीं गली।
इसलिए समाज में फिरका परस्ती का ज़हर घोल कर समाजी मेल जोल और गंगा जमुनी तहज़ीब को
पारा पारा किया गया।
भाजपा की राजनीति देश के अवाम को एकत्र करके
नहीं उन्हें बाँट कर के फली फूली है। भाजपा को नफरत की राजनीति रास आती है मोहब्बत
की नहीं। हाल में अंतर्धार्मिक शादियों के खिलाफ इस संगठित तरीके से प्रचार किया
गया कि एक इश्तिहार तक में हिन्दू-मुस्लिम रिश्तों की पाकीज़गी भी नफरत के पुजारी
बर्दाश्त ना कर सके। “लव जिहाद” एक ऐसी हाइपोथेटिकल पक्षी नाम है जिसे किसी ने आज तक देखा नहीं है। भाजपा
ने इस इस्तेलाह की तखलीक की है और इसके जूमला हुकुक उसी के पास सुरक्षित हैं।
फरवरी में जूनियर गृह मंत्री ने पार्लियामेंट में यह स्वीकार किया था कि किसी जांच
एजेंसी को तहकीकात के दौरान लव जिहाद का कोई सबूत नहीं मिला है। इसके बावजूद हर
मुस्लिम लड़के की हिन्दू लड़की से शादी को भाजपा प्रेम का पवित्र बंधन नहीं एक
योजनाबद्ध इस्लामी साज़िश करार देती है जिसके तहत मुस्लिम लड़कों के माध्यम से
हिन्दू लड़कियों को प्यार के जाल में फंसा कर उनसे शादी का वाहिद मकसद उनका मज़हब
परिवर्तन कराना होता है।
वास्तव में, भाजपा ने समाज को विभाजित करने, सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने और हिंदुओं के दिल में मुसलमानों के खिलाफ
नफरत पैदा करने के लिए इस काल्पनिक शब्द को गढ़ा है। दुनिया भर के मिश्रित समाजों
में अंतरजातीय विवाह आम हो गए हैं। बड़ी संख्या में विभिन्न धर्मों और नस्लों के
लड़के और लड़कियां भी एक साथ अध्ययन कर रहे हैं और कार्यालयों और अन्य संस्थानों
में एक साथ काम कर रहे हैं। इस समय के दौरान, अगर एक दंपति मानसिक सद्भाव विकसित करता है और वे भावनात्मक रूप से करीब हो
जाते हैं, तो वे शादी कर लेते हैं।
भारत में भी, लड़कों और लड़कियों के बीच प्रेम विवाह की प्रवृत्ति बढ़ रही है और इस तरह के
विवाह में लड़के और लड़कियां दो अलग-अलग प्रांतों और कभी-कभी अलग-अलग जातियों और
धर्मों के होते हैं। कोई भी संगठन किसी भी योजना के तहत इस तरह के विवाहों को
बढ़ावा नहीं दे रहा है। शादी दो लोगों के लिए एक बहुत ही निजी मामला है। लेकिन
भाजपा इस तरह की शादियों को अपने स्वयं के राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू धर्म के
खिलाफ मुसलमानों की एक खतरनाक साजिश के रूप में पेश कर रही है।
उत्तर प्रदेश में इस तरह की साजिश का कोई
सबूत नहीं मिला है, जहां सबसे ज्यादा अधिक हवा खड़ा किया गया है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के
अनुसार, कानपुर शहर के 22 पुलिस स्टेशनों की एक विशेष टास्क फोर्स ने एक दर्जन से अधिक
ऐसे विवाहों और रोमांसों की गहन जांच के बाद, इस बात का कोई सबूत नहीं पाया कि मुस्लिम लड़कों ने जबरन या बहला फुसला कर
हिन्दू लड़कियों के साथ शादी कर के उनका धर्म परिवर्तन करवाया हो।
अधिकतर लडकियां इस बयान पर कायम रहीं कि वह
अपनी मर्ज़ी और पसंद से मुस्लिम लड़कों के साथ शादी के रिश्ते में जुड़ी हैं और ईमान
लाइ हैं। इससे पहले केरल और कर्नाटक की पुलिस और NIA की
तहकीकात से भी लव जिहाद का वजूद साबित नहीं हो पाया था।
पूरा देश इस समय एक भयानक वैश्विक महामारी की
चपेट में है। अर्थव्यवस्था डूब गई है। किसानों में चिंता बढ़ रही है। लद्दाख में LAC पर चढ़कर, चीन ने हमारी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही
है और भाजपा ने अपनी विफलता को छिपाने और जलते मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के
लिए लव जिहाद के प्रचार को तेज कर दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि इस तरह की शादियां खुद
भाजपा नेताओं के घरों में होती रही हैं। पिछले साल आरएसएस के प्रचारक और भाजपा
महासचिव राम लाल की भतीजी श्रिया गुप्ता ने फैजान करीम नाम के एक मुस्लिम युवक से
बड़ी धूमधाम से शादी की।
लखनऊ के एक पांच सितारा होटल में एक भव्य
शादी समारोह में, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, योगी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और दिनेश शर्मा सहित कई प्रमुख
भाजपा नेताओं ने नवदंपत्ति को शुभकामनाएं दीं। किसी ने फैजान करीम और उनके परिवार
पर जिहाद का आरोप नहीं लगाया। यह कोई रहस्य नहीं है कि सिकंदर बख्त से लेकर एम जे
अकबर और सैयद शाहनवाज से लेकर मुख्तार अब्बास नकवी तक भाजपा के सभी महत्वपूर्ण
मुस्लिम नेताओं की पत्नियां गैर-मुस्लिम हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सही
सवाल किया है कि क्या भाजपा अपने नेताओं पर जिहाद करने का आरोप लगाएगी।
पासे नोष्त: तृणमूल एम पी महुवा मोइत्रा ने
पिछले साल लोक सभा में अपनी तकरीर में फासीवाद की प्रारम्भिक सात अलामतों (प्रतीक)
का उल्लेख कर के यह दावा किया था कि नरेंद्र मोदी के सरकार में भारत में भी यह
सारी अलामतें नमूदार हो रही हैं। महुवा एक अलामत का ज़िक्र करना भूल गई थीं। हिटलर
ने यहूदियों को ठिकाने लगाने के लिए जो अमानवीय कदम उठाए थे उनमें यहूदियों की
जर्मन शहरियों से शादियों पर पुर्णतः प्रतिबंध भी शामिल थी।
२६ नवंबर २०२०, उर्दू से
अनुवाद: न्यू एज इस्लाम
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