शकील शम्सी
उर्दू से अनुवाद, न्यू
एज इस्लाम
25 जून, 2021
पिछले कुछ सालों से संघ परिवार की ओर से
हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ डराने-धमकाने की सुनियोजित साजिश रची जा रही है.
कभी बढ़ती मुस्लिम आबादी के बारे में झूठ फैलाकर, कभी जमीन हड़पने के लिए जिहाद छेड़ने का
झूठ फैलाकर, कभी लव-जिहाद की मनगढ़ंत कहानियां सुनाकर तो कभी सरकारी नौकरियों में ऊंचे
पदों पर आसीन मुस्लिम युवाओं की सफलता को 'नौकरशाही जिहाद' का नाम देकर
हिन्दुओं को चिंता में मुब्तिला किया जाए । इस सारे दुष्प्रचार का एकमात्र
उद्देश्य हिंदुओं को यह बताना है कि आप सभी असुरक्षित हैं और केवल संघ परिवार के
लोग ही आपकी रक्षा कर सकते हैं।उसी माहौल में अचानक जबरन धर्मांतरण की कहानियां
सुनाई देने लगीं।पुलिस का कहना है कि हिंदुओं को जबरन इस्लाम में परिवर्तित करने
के लिए एक अभियान चलाया गया था, जिसे विदेशों से वित्त पोषित किया जा रहा था। दिलचस्प बात
यह है कि किसी व्यक्ति ने इस बात की शिकायत नहीं की कि उन्हें जबरन इस्लाम
में परिवर्तित किया गया था। यूपी पुलिस का खुद कहना है कि इस रैकेट का खुलासा तब
हुआ जब महंत नरसिम्हा नंद की हत्या के इरादे से डासना मंदिर आए दो लड़कों को पकड़ा
गया।उनमें से एक मुसलमान था और दूसरा हिंदू था जिसने इस्लाम धर्म अपना लिया था।
पुलिस ने दोनों से पूछताछ के बाद दो मुस्लिम प्रचारकों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार
किए गए दो लोगों में से एक उपदेशक है जो पूर्व हिंदू था, लेकिन इस्लाम
में परिवर्तित हो गया और इस्लाम का प्रचार करना शुरू कर दिया। जबरन धर्मांतरण की
कोई रिपोर्ट नहीं होने के बावजूद, गोदी मीडिया में खूब खूब कहानियां बयान की जा रही हैं और
अदालत की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही टीवी के वकील, गवाह, मुद्दई और
न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाना शुरू कर दिया है और ये सभी एक ही कहानी कह रहे हैं
कि हिंदुओं को धर्मांतरित करने की साजिश चल रही है जिसको विदेशों से पैसे दिए जा
रहे हैं।हमें समझ में नहीं आता कि भारत में रहने वाले हिंदुओं को ही क्यों समझाया
जा रहा है कि आप मुसलमानों से तरह तरह के खतरे हैं। मलेशिया, इंडोनेशिया, यूएई, कतर और
बांग्लादेश जैसे मुस्लिम बहुल देशों में हिंदुओं को कोई खतरा नहीं है? वहां के हिंदू
बहुसंख्यक मुस्लिमों में असुरक्षित महसूस क्यों नहीं करते? अकेले भारत
में ही ८० करोड़ हिंदुओं को २० करोड़ मुसलमानों से डराने की कोशिश क्यों की जा रही
है?
क्या यह बात किसी के गले से उतरेगी कि जब यहां मामलुक, लोधी, तुगलक, सूरी और मुगल
शासकों का शासन था तब भी हिंदू धर्म पूरी तरह से सुरक्षित था और आज जब सत्ता हाथ
में नहीं है तो यहां के मुसलमान हिंदुओं के लिए खतरा बन गए हैं? क्या मुस्लिम
शासन के आठ सौ वर्षों के दौरान कहीं भी हिंदुओं का नरसंहार हुआ है? क्या अयोध्या, काशी, मथुरा, हरिद्वार, तिरुपति या
भुवनेश्वर जैसे किसी पवित्र शहर को लूटा गया है? क्या चारों धाम में से कोई भी क्षतिग्रस्त
हुआ था? क्या इन सभी शहरों में सैकड़ों साल पुराने मंदिर नहीं बचे हैं? क्या मुगल
सेना में हिंदू सेनापति और सैनिक नहीं थे और महाराणा प्रताप और शिवाजी के साथ
मुस्लिम सरदार और सैनिक नहीं थे? केंद्र सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही सारा खतरा
क्यों दिखाया जा रहा है? तथ्य यह है कि कुछ नफरत की भाषा बोलने वाले के राजनीतिक
सन्यासी और कट्टरपंथी राजनेता सोचते हैं कि वे किसी दूसरे धर्म के खिलाफ
दुष्प्रचार करके अपने धर्म को ऊंचा करेंगे। लेकिन ये बेचारे लोग नहीं जानते कि
दूसरों को गंदा कहकर कोई खुद को शुद्ध साबित नहीं कर सकता।जहां तक धर्मांतरण की
बात है तो मैं यह कह रहा हूं कि मुसलमानों को अपनी आबादी बढ़ाने की चिंता करने के
बजाय इस समय अपने चरित्र में सुधार करना चाहिए। विशेष रूप से भारतीय मुसलमानों को
दूसरों को इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए आमंत्रित करने के बजाय, यह देखें कि
क्या उनका समाज इस्लामी है या नहीं। क्या मुसलमान खुद इस्लामी शिक्षाओं का पालन
करते हैं?क्या हम जातिगत पूर्वाग्रहों में नहीं फंसे हैं? क्या महिलाओं के साथ हमारा व्यवहार दूसरे
धर्मों जैसा नहीं है?क्या चोरी, बेईमानी, धोखा और गुंडागर्दी करने वाले मुसलमानों की कमी है? क्या मुसलमान
मस्जिदों, इमाम बाड़ों, दरगाहों और कब्रिस्तानों के जमीन को नहीं बेच रहे हैं?क्या आतंकवादी
इस्लाम के अपमान का कारण नहीं हैं? क्या यह दुख की बात नहीं है कि दस लोग नकली ड्रग्स बेचते
हुए पकड़े गए, जिनमें से आठ मुसलमान थे? क्या दिल्ली की एक मस्जिद में एक इमाम द्वारा एक नाबालिग
लड़की की आबरू लूटे जाने की घटना हमारे समाज का सबसे बुरा उदाहरण नहीं है? क्या हमारा
समाज दूसरे कौमों से थोड़ा अलग दिखता है? इन हालात में आप जो कुछ भी सोच सकते हैं, लेकिन मुझे
लगता है कि आज मुसलमानों को बड़ी संख्या की नहीं अच्छे लोगों की जरूरत नहीं है।
25 जून, 2021, सौजन्य: इंकलाब, नई दिल्ली
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Urdu Article: Muslims Need to be Converted to Islam, not Hindus ہندووں کو نہیں مسلمانوں کومسلمان بنانے کی ضرورت
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