New Age Islam
Thu Apr 17 2025, 09:24 PM

Hindi Section ( 15 Jun 2022, NewAgeIslam.Com)

Comment | Comment

The Moral Lessons to Be Learnt From Nupur Sharma Episode नूपुर शर्मा के मामले से हासिल होने वाला नैतिक सबक

सुमित पाल, न्यू एज इस्लाम

उर्दू से अनुवाद न्यू एज इस्लाम

10 जून 2022

1. दस्ते खिजां ने हम को वहीँ बढ़ के चुन लिया।

2. जो फूल गिर पड़ा निगाहें अंदलीब से

3. अहले सुकूं से खेल न आए मौजे इम्बेसात

4. इक दिन उलझ के देख किसी बदनसीब से

5. शकील बदायूनी

-------

Photo: The Times of India

----

शकील बदायूनी की उपर्युक्त रुबाई मौजूदा हालात के बिलकुल मुताबिक़ है। यहाँ, मैं नूपुर शर्मा या जिंदल की बदकिस्मतीपर खुश नहीं हूँ। मैं कभी अपने दुश्मनों की बदकिस्मती पर खुश नहीं होता, उनकी तो बात ही जाने दें जिनके साथ मेरा कभी कोई साबका ही नहीं पड़ा। मेरा मकसद कुछ और है। इस पुरे हास्यास्पद घटना में बहुत सारे बिंदु हैं और इसमें सबके लिए एक नैतिक सबक है। कि आप किसी व्यक्ति या बिरादरी पर अधिक देर तक अपना वर्चस्व बरकरार नहीं रख सकते। पूर्वी कमांडर और 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर हिन्दुस्तान को जबरदस्त विजय दिलाने वाले जर्नल जगजीत सिंह अरोड़ा ने बीबीसी को बताया था कि मुझे विश्वास है कि पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के बंगालियों की बुरी हालत नज़र अंदाज़ नहीं की जाएगी, और पाकिस्तानियों ने बंगालियों के साथ जिस अंदाज़ में एक लम्बे समय तक बुरा सुलूक किया है (हालांकि वह भी मुसलमान थे लेकिन बँगला बोलते थे; नस्लीय निस्बत अक्सर मज़हबी संबंध से अधिक मजबूत होता है), अंततः इसका खामियाजा उन्हें ही (पाकिस्तानी फ़ौज को, जिनमे अधिकतर पंजाबी हैं) भुगतना पड़ेगा। नतीजतन, घमंडी लेफ्टिनेंट जनरल ए ए के नियाजी (बाद में उनका ओहदा छीन लिया गया) ने आखिर में 93000 पाकिस्तानी फौजियों के साथ हथियार डाल दिए और बंगालियों ने अपने लिए एक अलग देश बांग्लादेश हासिल कर लिया।

संक्षिप्त यह कि, (इन्नल्लाहा मअस्साबिरीन- अल्लाह सब्र करने वालों के साथ है। जल्द या देर में समय का पहिया घूमता है। मिलटन ने अपनी नज़्म ‘On His Blindness’ में भी यही कहा था, “वह भी काम के हैं जो केवल खड़े हो कर इंतज़ार करते हैं।यिदिश कहावत है, “Belne’z Asi Ken Mizaaf” (इंतज़ार करो और देखो कि ज़ालिम आखिर किस तरह ज़ेर होता है)।

इस हकीकत से इनकार नहीं किया जा सकता कि मुसलमान एक लम्बे समय से अपने उरूज पर थे। वह हालिया दिनों में पतन का शिकार हुए हैं। मेरे एक बेगुनाह मुस्लिम अखबार फरोश को, जो कि मेरे मकान से 6 किलोमीटर के फासले पर कैम्प एरिया से आता है, केवल उर्दू का पर्चा पहुंचाने के लिए सोसाईटी वालों ने रोका और मारा पीटा और मुझ से सवाल भी किया: पढ़े लिखे आदमी हो कर भी आप उर्दू अखबार क्यों पढ़ते हैं? गोया उर्दू अनपढ़ लोगों की भाषा है!

People chant anti-India slogans to condemn the derogatory references to Prophet Muhammad in Karachi, Pakistan, Monday. (Photo | AP)

----

मुसलमानों को खुले आम तंग किया जा रहा था। दुसरे शब्दों में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच मतभेद नहीं था, बल्कि दुश्मनी थी।

फ्रांसीसी जनरल चार्ल्स डी गाल का कहना है कि जब शुरूआती चरण में अत्याचार को नहीं रोका जाता है, तो यह खुले आम नफरत में बदल जाता है। बिलकुल ऐसा ही हुआ, जब उस खातून ने मुसलमानों के नबी हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तौहीन की तो यह बिलकुल अंत हो गई।

हालात इतने खराब न होते, अगर इस तरह की आवाजें बहुत पहले ही बंद कर दी जातीं। इस इंतज़ार का क्या फायदा कि आतिश फशां पहाड़ वेसुवियस की तरह फट जाए और पूरी कौम को उसी तरह लपेटे में ले ले जिस तरह वेसुवियस ने 79 ईस्वी में पौम्पी और हर्कोलिनियम को निगल लिया था। भारत अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया से बच सकता था अगर उन किरदारों को पिंजरे में बंद कर दिया जाता और उन्हें बेलगाम न छोड़ा जाता। हम सब मुश्किल तरीके से सीखते हैं। फ़ारसी के सूफी शायर जामी ने इसे बहुत अच्छे तरीके से बयान किया, “किसी को गाली देने से पहले याद रखो कि तुम्हें जवाबी गालियों के साथ थप्पड़ भी मारा जा सकता है।इसलिए, जो कुछ भी होता है, उसकी एक वजह होती है।

An angry activist stomps on a poster of Bhartiya Janata Party (BJP) official in Mumbai, India, on June 6, 2022, during a protest against her blasphemous comments on Prophet Mohammed. (REUTERS/Francis Mascarenhas)

-----

अब समय आ गया है कि दोनों बिरादरियां अपना अपना जायज़ा लें और खुश अस्लुबी से ज़िंदगी गुजारें। आप हमेशा दूसरों को गाली देते और ज़लील करते हुए नहीं रह सकते। तंग आमद, बा जंग आमद। याद रखें, जिगर मुरादाबादी ने कहा था, “उनका जो फर्ज़ है वह अहले सियासत जानें/ मेरा पैगाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचेमोहब्बत बांटो यह कई गुना ज़्यादा वापस मिलेगी। हम इन हिन्दू मुस्लिम झगड़ों और झड़पों को बहुत देख चुके।

English Article: The Moral Lessons to Be Learnt From Nupur Sharma Episode

Urdu Article: The Moral Lessons to Be Learnt From Nupur Sharma Episode نوپور شرما کے معاملے سے حاصل ہونے والا اخلاقی سبق

URL: https://www.newageislam.com/hindi-section/moral-lessons-nupur-sharma-episode/d/127248

New Age IslamIslam OnlineIslamic WebsiteAfrican Muslim NewsArab World NewsSouth Asia NewsIndian Muslim NewsWorld Muslim NewsWomen in IslamIslamic FeminismArab WomenWomen In ArabIslamophobia in AmericaMuslim Women in WestIslam Women and Feminism


Loading..

Loading..