New Age Islam
Tue Sep 17 2024, 11:53 AM

Hindi Section ( 9 Apr 2019, NewAgeIslam.Com)

Comment | Comment

Printing Press and the Islamic World प्रिंटिंग प्रेस और मुसलमानों की दुनिया


मोहम्मद शहजाद कुरैशी, न्यू एज इस्लाम

दुनिया का पहला प्रिंटेड कुरआन १५३७ में इटली के शहर वेनिस के एक प्रिंटिंग प्रेस में छापा गयाl दोसरा कुरआन १६९४ हेम्बर्ग जर्मनी और तीसरा कुरआन रूस में छापा गयाl यह वह समय था जब मुस्लिम दुनिया में किसी प्रकार का प्रिंटिंग प्रेस लगाना या कोई प्रिंटेड किताब रखना हराम और बड़ा अपराध थाl सुलतान बायज़ीद दोसरा नामक एक खलीफा ने १४८५ में उलेमा की सहायता से प्रिंटिंग प्रेस और उसके उत्पादों को हराम करार दे कर मुस्लिम दुनिया में बैन कर दियाl इसके बाद १५१५ में सुलतान सलीम नामक एक बादशाह ने उससे भी दो कदम आगे बढ़ कर यह फरमान जारी किया कि उस्मानी सल्तनत में किसी नागरिक के पास कोई प्रिंटेड किताब पकड़ी गई तो उसे कत्ल कर दिया जाएगाl यह वह समय था जब यूरोप में २ करोड़ से अधिक प्रिंटेड किताबें बेची जा चुकी थींl

इससे पहले १४९२ ईसवी में उस्मानी सल्तनत के एक राज्य उन्दोलोसिया (उन्द्लिस स्पेन) के कुछ यहूदियों ने सुलतान को एक अर्जी दी कि उनके पास अपनी प्रिंटिंग प्रेस है और वह उन्हें इससे लाभ प्राप्त करने की अनुमति देंl सुलतान ने इस शर्त पर अनुमति दी कि तुम किसी मुसलमान को कोई किताब नहीं बेचोगेl

तो इस प्रकार स्पेन के यहूदियों और ईसाईयों ने प्राइवेट प्रेस से लाखों किताबें छापीं और इससे मुसलमानों को छोड़ कर सभी कौमों ने लाभ प्राप्त कियाl

यह वह समय था जब यूरोप और नए नए अमेरिका में विज्ञान और कला अंगड़ाई ले के जाग रहे थे और मुस्लिम दुनिया जमूद का बिस्तर ओढ़ कर सोने की तैयारी कर रही थीl इसी किताबी क्रांति से हज़ारों महान वैज्ञानिक, डाक्टर, भौतिकी विशेषज्ञ, गणितज्ञ, खगोलविद पैदा हुएl

हालांकि सातवीं शताब्दी से तेरहवीं शताब्दी तक सारा यूरोप अज्ञानता की नींद सो रहा था और विज्ञान और कला का खजाना मुसलमानों के पास थाl पहली सलीबी जंग जो कि ग्यारहवीं शताब्दी में लड़ी गई जिसमें ईसाईयों ने यरूशलम पर कब्ज़ा किया और बहोत सारे गनीमत के माल के साथ कागज़ भी उनके हाथ लगाl इसी कागज़ से बाद में उन्होंने एक महान क्रान्ति बरपा कियाl

सत्रहवीं शताब्दी तक मुसलमानों पर यह जुमूद पूरी तरह बरकरार रहाl अंत में १७२० में एक नौ मुस्लिम इब्राहीम अल मकातिर (जो कुछ महीने पहले ही ईसाई से मुसलमान हुआ था) उस समय के बड़े मुफ़्ती के पास अर्जी ले कर गया कि ३०० साल हो गए यूरोप में प्रिंटिंग प्रेस को खुदा के लिए अब तो जाग जाओ और मुस्लिम दुनिया में भी इसकी अनुमति देदो, फिर उसने अपने हाथ से लिखी हुई कई सौ पृष्ठों की किताब ग्रेंड मुफ़्ती को दी जो प्रिंटिंग प्रेस के बारे में थी, किताब को पढ़ के मुफ़्ती साहब मां गए लेकिन उन्होंने तीन कड़ी शर्तों के साथ इसकी अनुमति दी’’’’

१-कोई अरबी की किताब प्रिंट नहीं होगी

२- कोई इस्लामी किताब प्रिंट नहीं होगी

३- हर छपने वाली किताब सरकार से स्वीकृति प्राप्त होगी

इस प्रकार उस्मानी सल्तनत में लूली लंगड़ी प्रिंटिंग प्रेस आईl लेकिन उस समय तक बहुत देर हो चुकी थी---यूरोप विज्ञान और कला में हम से ३०० साल आगे निकल चुका था---और अब यह दुरी बढ़ कर ५०० साल तक पहुँच चुकी है!

URL for Urdu article: https://www.newageislam.com/urdu-section/printing-press-islamic-world-/d/118255

URL: https://www.newageislam.com/hindi-section/printing-press-islamic-world-/d/118263

New Age Islam, Islam Online, Islamic Website, African Muslim News, Arab World News, South Asia News, Indian Muslim News, World Muslim News, Women in Islam, Islamic Feminism, Arab Women, Women In Arab, Islamphobia in America, Muslim Women in West, Islam Women and Feminism


Loading..

Loading..