मंसूरुद्दीन फरीदी
8
अक्टूबर, 2021
पाकिस्तान कश्मीरी युवाओं को साजिश में घसीटना चाहता है. नहीं
चाहता किकश्मीरी युवा सामान्य जीवन जीएं. कश्मीरियों को ऐसी साजिशों से सावधान रहना
चाहिए. यह कहना है मुस्लिम बुद्धिजीवियों और इस्लामिक स्कॉलर का. वे कश्मीर में पिछले
तीन दिनों में आतंकवादियों द्वारा निर्दोषों की हत्या किए जाने से चिंतित हैं.
कश्मीर में अतंकवाद ने अचानक सिर उठा लिया है. गैर-मुसलमानों
को खास तौर से निशाना बनाया जा रहा है. दो दिन पहले दो घंटे में श्रीनगर के एक प्रसिद्ध
केमिस्ट,
एक खोमचे वाले सहित तीन
लोगों की गोली मार हत्या कर दी गई थी.
निर्दोषों की हत्या कश्मीरी युवाओं का भविष्य खराब करने की साजिश
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इसके अगले ही दिन एक स्कूल में घुसकर इसकी प्रिंसिपल और स्कूल
के एक अन्य शिक्षक को मौत के घाट उतार दिया गया था. इन घटनाओं से कश्मीर तनाव और भय
का शिकार हो गया है. इन वारदातों से पाकिस्तान की साजिशों का पता चला है.
पर्दे के पीछे से घाटी के युवाओं को हिंसा में धकेला जा रहा
है. यह खुलासा किया है खुफिया एजेंसियों ने. कश्मीर में मुसलमानों और गैर-मुसलमानों
के बीच खाई पैदा करने की साजिश चल रही है.प्रमुख भारतीय विद्वानों और बुद्धिजीवियों
ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इस तरह से किसी भी निर्दोष की हत्या नहीं
की जा सकती. यह इस्लाम की बुनियादी उसूलों के खिलाफ है.
चर्चित आलम दीन मुफ्ती मौलाना मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने हमलों
की निंदा की है. आवाज द वाॅयस से बात करते हुए कहा कि कश्मीर में कई साजिशें चल रही
हैं. कश्मीरियों को बहुत सावधान रहना होगा. शरारती या विनाशकारी तत्व वास्तव में कश्मीर
और कश्मीरियों को बदनाम करने की कोशिश में लगे हैं.
मानव जीवन के नुकसान को किसी भी आधार पर उचित नहीं ठहराया जा
सकता है. मौलाना मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि वह दुआ करेंगे कि कश्मीरियों की समस्या का
समाधान हो.इस मसले पर मौलाना जहीर अब्बास रिजवी ने आवाज द वाॅय से कहा कि ऐसी घटनाओं
की कड़ी निंदा की जानी चाहिए. इस्लाम आतंकवाद की आड़ में मानव जीवन के साथ खेलने की अनुमति
नहीं देता. कश्मीर अपने कश्मीरियत के लिए प्रसिद्ध है, जहां हिंदू-मुस्लिम एकता के उदाहरण
रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि वास्तव में पाकिस्तान पिछले दो दशकों से
कश्मीर में आतंकवाद की आग भड़का रहा है. हालांकि, यह होना चाहिए कि पाकिस्तान अपनी समस्याओं का समाधान करें. भारतीय
मुसलमानों के लिए समस्याएं न पैदा करे. उन्हें अनावश्यक परेशानी न दे.
मौलाना जहीर अब्बास रिजवी ने कहा कि मानव जीवन को इस्लाम में
सबसे महान कहा गया है. हम उनके साथ खड़े हैं जिनकी जान कश्मीर में ली गई. हमारी पूरी
सहानुभूति शोषितों के साथ है.कश्मीरियों को ऐसी साजिशों से सावधान रहना होगा, क्योंकि यह सांप्रदायिक सद्भाव
को नष्ट करने का प्रयास है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और लखनऊ ईदगाह के
इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि कश्मीर में हाल में हुई आतंकवाद की घटनाओं
की निंदा की जानी चाहिए. आतंकवाद का कोई औचित्य स्वीकार्य नहीं.
मौलाना मुफती मुहम्मद मुकर्रम,मौलाना खालिद फिरंगी महली, मुफती मनज़ुर ज़ियाई, मौलाना ज़हिर अब्बास रिज़वी, प्रौफेसर अखतरुल वासे
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उन्होंने कहा कि हम शांति व्यवस्था के पक्षधर हैं. दुनिया की
हर समस्या का समाधान बातचीत से संभव है. जनता से मेरा निवेदन है कि हर समस्या का समाधान
मेज पर है जिसके लिए हिंसा का रास्ता नहीं अपनायाएं.
अंतरराष्ट्रीय सूफी कारवां के प्रमुख और प्रमुख इस्लामी विद्वान
मुफ्ती मंजूर जिया ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि यह कश्मीर में सांप्रदायिक
माहौल खराब करने की पाकिस्तानी साजिश है. नई पीढ़ी को बदनाम करने और उनके भविष्य को
अंधकारमय बनाने का प्रयास है. हम इन हत्याओं की निंदा करते हैं.
मुफ्ती जिया ने कहा कि हमें कश्मीर में सक्रिय अलगाववादी नेताओं
की भी निंदा करनी चाहिए. ऐसी घटनाओं का चुपचाप समर्थन कर रहे हैं. दरअसल, आज का कश्मीर विकास चाहता है.
नया युग चाहता है. नई पीढ़ी नए क्षेत्रों में आगे बढ़ रही है.
ऐसे माहौल में आतंकी घटनाएं कश्मीर को पटरी से उतारने की साजिश
है.उन्होंने कहा कि अब तक नई पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय था. उनकी कोई मंजिल नहीं थी.
अब उनके लिए नए रास्ते खुल रहे हैं.दरअसल, सरकार का मानना है कि पाकिस्तानी एजेंसियां कश्मीर घाटी में
आम युवाओं का इस्तेमाल लोगों को मारने के लिए कर रही हैं.
अपराध करने के बाद युवा अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त रहते
हैं. ऐसे में कई बार सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बच जाते हैं. इन आतंकियों को ‘हाइब्रिड टेररिस्ट‘ कहा जा रहा है.आवाज द वाॅयस से
बात करते हुए इस्लामिक अध्ययन से जुड़े बुद्धिजीवी प्रोफेसर अख्तरूल वासे ने कहा कि
मुख्य बात यह है कि कश्मीर में हालात तेजी से बदल रहे हैं, जिसकी जानकारी पाकिस्तान को नहीं
है.
इसलिए आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. ये वे लोग
हैं जो कश्मीर और कश्मीरवाद से प्यार करते हैं. उन्होंने बुरे समय में भी कश्मीर नहीं
छोड़ा. उन्होंने कश्मीरवाद को बढ़ावा दिया. अब अगर कोई दवा फरोश और प्रिंसिपल को मार
रहा है,
तो इसका मतलब है कि कश्मीरियों
के रिश्ते को खंडित करना चाहता है.
प्रो. अख्तरूल वासे ने कहा कि पाकिस्तान को डेढ़ करोड़ कश्मीरियों
की परवाह है, लेकिन 20करोड़ भारतीय मुसलमानों की नहीं. वह जहर का माहौल बना रहा है. यह गंदी राजनीति है.
जम्मू-कश्मीर में शांति खत्म करने की पाकिस्तानी साजिश है.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है
कि ऐसी घटनाएं स्थानीय मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश है. कश्मीर में सांप्रदायिक
सौहार्द बिगाड़ने के षड़यंत्र में निहत्थे नागरिकों को मारा जा रहा है. यह आतंकवादियों
की हताशा दर्शाता है. आतंकवादी कश्मीर में शांति और भाईचारा खत्म करना चाहते है. हम
उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे.
Source:
https://www.hindi.awazthevoice.in/India-news/Muslim-intellectual-said-murder-of-innocent-conspiracy-to-spoil-the-future-of-Kashmiri-youth-8503.html
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