शकील शम्सी
८ जून, २०१९
देहली के खुरेजी ख़ास क्षेत्र में ईद की नमाज़ के बाद एक कार तेज़ी से गुजरी और कई लोगों को टक्कर मारती हुई भाग निकलीl जिसके बाद अफवाहों का बाज़ार गर्म हो गयाl मुझे जो पहला मैसेज इस सिलसिले में मिला उसमें लिखा गया था कि खुरेजी ख़ास क्षेत्र में नमाजियों पर एक व्यक्ति ने कार दौड़ा दी जिस से साथ या आठ आदमी घायल हो गएl फिर खबर आई कि १७ घायल हैं, मगर किसी न्यूज़ चैनल पर इस खबर का कोई उल्लेख नहीं थाl मुझे लग रहा था कि दिल्ली में ऐसी घटना हो जाए और कोई न्यूज़ चैनल ना दिखाए यह संभव नहीं, इसलिए मैंने अपने ब्यूरो चीफ मुमताज़ आलिम को इस खबर को निश्चित करने के लिए कहा और एक प्रसिद्ध न्यूज़ चैनल के एंकर को फोन करके भी बताया कि ऐसी घटना होने की खबर है ज़रा वह पता लगाएl कुछ ही मिनट के बाद न्यूज़ एंकर और मुमताज़ आलिम ने बताया कि यह छोटी सी घटना थी जिसमें दो या तीन लोगों को हलकी सी चोट लगी और उन्होंने यह भी बताया कि नमाज़ पढ़ने वालों पर गाडी नहीं चढ़ाई गई बल्कि नमाज़ पढ़ कर वापस जाने वालों की भीड़ में गाडी घुस गई थीl मगर इस इलाके के कुछ जज्बाती और जोशीले लोगों पर यकीन करके पूरी तरह से माहौल खराब करने की कोशिश में लगे थे और इस घटना को एक बड़ी साज़िश का हिस्सा बता कर सरकारी बसों में तोड़ फोड़ पर आमादा थेl भड़के भीड़ ने दो तीन बसों को हानि भी पहुंचाया, मगर इलाके की पुलिस ने बहोत सब्र से काम लेते हुए इस घटना को किसी त्रासदी में परिवर्तित नहीं होने दियाl
पुलिस ने इलाके के सीसी टीवी को तुरंत ही चान कर कार चलाने वाले लड़के को पहचान लियाl वह कारें चुराने वाला आदी मुजरिम निकलाl शाहरुख नाम का यह लड़का कई बार कार और स्कूटर चोरी करने के आरोप में जेल जा चुका है और ड्रग्स लेने का शौकीन भी हैl हादसे के समय अपनी माशूका यशीका के साथ इलाके से गुज़र रहा था कि उसने पुलिस को खड़े देखा और जब पुलिस ने उसको कार रोकने का इशारा किया तो वह घबरा कर भागा जिसके परिणाम में कुछ लोग कार की जद में आ गएl अब आप खुद ही सोचिये कि घटना क्या थी और उसका क्या बना दिया गया और कुछ ना समझ लोगों ने इस मामले को साम्प्रदायिक रंग देने की किस तरह कोशिश कीl अगर गाडी चलाने वाला कोई हिन्दू युवक होता तो फिर इसको कितनी बड़ी साज़िश का दर्जा मिलता? वैसे इस प्रकार का माहौल बनाने में इन अतिवादियों का बहोत बड़ा हाथ है जो देश के लंबाई और चौड़ाई में माहौल खराब करने के दर पे हैंl साम्प्रदायिक मानसिकता में बढ़ोतरी के कारण आज लोग आम अपराधों में भी धार्मिक घृणा का तत्व खोज रहे हैं और इस काम में सोशल मीडिया उनकी सहायता कर रहा हैl इधर राजनीतिक कारणों के तहत कुछ लोग मुसलमानों में खौफ व हरास का माहौल पैदा करने की कोशिश में लगे हुए हैंl ऐसे सन्देश भी चल रहे हैं कि जल्दी से अपना आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या कोई दोसरा पहचान पत्र अवश्य बनवा लें वरना आपको इस देश से बाहर किया जा सकता हैl
जहां तक पहचानपत्र बनवाने की बात है तो इसकी अहमियत से कौन इनकार कर सकता है? इसमें क्या शक है कि हर भारतीय को अपना आधार कार्ड या कोई दोसरा पहचानपत्र अवश्य बनवा लेना चाहिए? लेकिन इस प्रकार की निराधार बातें फैलाना कि देश के किसी भी कोने में रहने वाले मुसलमानों को बाहर निकाल दिया जाएगा बहोत गलत हैl निश्चित रूप से ना तो कोई सरकार ऐसा करेगी और ना ही कर सकती है, क्योंकि इससे देश में अशांति फैलने कुछ नहीं होगाl हाँ यह सच है कि भारत के विभिन्न भागों में रहने वाले बंगाली और आसामी नागरिकों के लिए परेशानियां पैदा हो सकती हैं, लेकिन दोसरे मुसलामानों को इस बारे में ना तो चिंता करने की आवश्यकता है ना घबराने कीl चुनाव के बीच वोट लेने के लिए जो बातें कही जाती हैं ना तो इनकी कोई अहमियत होती है ना इनको लागू करना संभव होता हैl इसलिए हमारा तो यही मशवरा है कि दोसरी राजनीतिक पार्टियों के एजेंटों के बहकावे में कोई ना आए और राजनीतिक रकाबतों की चक्की में पिसने से खुद को बचाएl प्रधानमन्त्री ने सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का जो नारा दिया है उसको वास्तविक मानना आवश्यक है क्योंकि चुनाव जीतने के बाद दिया गया और इस नारे से कोई राजनीतिक लाभ उनको प्राप्त नहीं हो सकताl एक बात यह भी कहना आवश्यक है कि अमित शाह को गृहमंत्री बनाए जाने पर मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से जिस डर को व्यक्त किया जा रहा है, उनको नज़रंदाज़ करना आवश्यक हैl हमारे ख़याल में गृहमंत्रालय का कलमदान संभालने के बाद कोई भी व्यक्ति ऐसा कदम नहीं उठा सकता कि जिससे देश में अनारकी और अशांति फैलेl
८ जून, २०१९, सौजन्य से: इंकलाब, नई दिल्ली
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