मोहित शुक्ला
21 नवंबर 2014
मंदिर में खुदा है न मस्जिद में खुदा है, जिस दिल में हो मोहब्बत उस दिल में खुदा है। यह पंक्तियां भेड़पाकड़ के लोगों पर सटीक बैठती है। इस गांव में हिंदू और मुसलिम समुदाय के लोग मिलकर एक मस्जिद का निर्माण करवा रहे हैं। कौमी एकता का यह प्रयास मजहब के नाम पर समाज को बांटने वाले लोगों के लिए करारा जवाब है।
गांव की कुल आबादी में करीब एक हजार मुस्लिम बिरादरी के लोग रहते है। गांव में अब तक कोई मस्जिद नहीं थी। गांव के 62 वर्षीय असरफ मियां जब एक वर्ष पूर्व हज से लौटे तो उन्होंने गांव में मस्जिद निर्माण की बात रखी।
उन्होंने हिन्दू समुदाय के कुछ लोगों से मशविरा किया तो हिन्दू समाज के लोग भी सहयोग करने को तैयार हो गए। अब गांव में मस्जिद का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। उसकी दीवारें पूरी हो चुकी हैं।
'धर्म इंसानियत का पैगाम देता है'
गांव के मुसलमानों को मस्जिद में नमाज अदा करने की ख्वाहिश बनी है, वहीं हिन्दूओं को नमाज अदा कर बाहर निकल रहे मुसलमानों को त्योहार की बधाई देने का इंतजार है। 11 माह पूर्व शुरू इस मस्जिद का निर्माण प्रारंभ हुआ। अब तक इसके निर्माण में करीब 20 लाख रुपये खर्च हुए हैं। गांव के ही राजमिस्त्री और मजदूर इस मस्जिद के निर्माण में लगे हैं।
एक बनो-नेक बनो का संदेश दिया
असरफ मियां ने कहा कि उनकी तमन्ना थी गांव में मस्जिद बने। मस्जिद के निर्माण में हिंदू भाइयों ने सहयोग कर दुनिया के सामने एक बनो नेक बनो का संदेश दिया है। राम और रहमान की ऐसी जोड़ी शायद ही कहीं देखने को मिले। गांव के समसुद्दीन, मुंशी, समसुल्लहा, निजामुद्दीन, इद्रीश, ऐनूलहक आदि ने मस्जिद निर्माण में दोनों समुदाय का सहयोग होने पर खुशी का इजहार किया।
हिन्दू समुदाय से जुडे़ रमेशचंद्र मिश्र, रजेंद्र कुशवाहा, श्यामदेव यादव, डा. श्रीनिवास मिश्र, गणेशचंद्र मिश्र, प्रमोद कुशवाहा, बासुदेव यादव ने कहा कि गांव में मंदिर की घंटी और अजान की आवाज कौमी की मिशाल कायम करेगी। हर धर्म इंसानियत का पैगाम देता है। भारत जैसे धर्म निरपेक्ष देश में हर जाति व मजहब के लोगों को धार्मिक आजादी है।
स्रोतःhttp://www.amarujala.com/feature/samachar/national/hindu-muslim-build-mosque-hindi-news-rk/