मासूम मुरादाबादी
19 नवंबर, 2013
गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता शंकर सिंह वाघेला ने ये बयान देकर सनसनी फैला दी है कि इंडियन मुजाहिदीन को संघ और बीजेपी आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। ये बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार पुलिस पटना धमाके के सिलसिले में चार नौजवानों को कथित आतंकवादियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के इल्ज़ाम में गिरफ्तार किया है। शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि इंडियन मुजाहिदीन की कार्यशैली बिल्कुल बीजेपी जैसी है। उन्होंने ये भी कहा कि आरएसएस इंडियन मुजाहिदीन को धन देने के मामले में कादियानियों का इस्तेमाल कर रही है और वो हिन्दू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहती। (देखिए अंग्रेजी दैनिक 'टाइम्स ऑफ इंडिया' नई दिल्ली 14 नवंबर 2013)
हम आपको ये बताते चलें कि शंकर सिंह वाघेला का कांग्रेस में शामिल होने से पहले गुजरात में बीजेपी के प्रमुख नेता थे और उन्होंने वर्षों संघ परिवार के साथ काम किया है। उनकी हैसियत घर का भेदी के जैसी है। इसलिए वो जो कुछ कहेंगे कहानी की शोभा के लिए नहीं होगा बल्कि इसके पीछे कुछ न कुछ तथ्य ज़रूर होंगे। इंडियन मुजाहिदीन के बारे में आज तक किसी को ये नहीं मालूम हो सका कि ये कौन से प्राणी हैं और इनका जन्म और परवरिश किन हाथों में हुई। इंडियन मुजाहिदीन का दफ्तर कहां है इसका संस्थापक कौन है? ये सवाल संसद में भी उठाया गया लेकिन आज तक कोई उचित जवाब नहीं मिल सका। लेकिन अब ऐसा महसूस होता है कि इंडियन मुजाहिदीन की कलई खुल रही है और इसके पीछे काम कर रहे तत्व अपनी असल पहचान के साथ बेनक़ाब हो रहे हैं।
पिछले 27 अक्टूबर को पटना में नरेंद्र मोदी की 'हुँकार रैली' के दौरान होने वाले बम धमाकों के बारे में कई लोगों ने ये बयान दिया था कि ये धमाके सिर्फ बीजेपी को राजनीतिक फायदा पहुंचाने के लिए कराए गए हैं। इस आरोप की पुष्टि धमाकों के बाद बीजेपी के व्यवहार से भी हुई। क्योंकि बीजेपी ने इन धमाकों से राजनैतिक लाभ उठाने की हर सम्भव कोशिश की और इन धमाकों में मरने वालों की अस्थियाँ लेकर उनका जुलूस निकाला गया। इतना ही नहीं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी धमाकों में मरने वालों के परिजनों से संवेदना व्यक्त करने उनके घरों तक गए। ये वही नरेंद्र मोदी हैं जिन्होंने लोगों ने गुजरात के नरसंहार के दौरान मारे गए 2 हज़ार से अधिक बेगुनाहों में से किसी एक परिवार से भी संवेदना व्यक्त नहीं की बल्कि इस नरसंहार को उचित ठहराने की कोशिश करते रहे।
शंकर सिंह वाघेला ने इंडियन मुजाहिदीन को बीजेपी और संघ से वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने के सम्बंध में दिलेरी भरा बयान दिया है, इसकी पुष्टि उन गिरफ्तारियों से भी होती है जो पटना धमाकों के सिलसिले में आतंकवादियों को धन देने वालों के रूप में हुई है। उल्लेखनीय है कि दूसरे बम धमाकों की तरह पटना बम धमाकों के लिए भी इंडियन मुजाहिदीन को दोषी करार दिया गया और इस सिलसिले में बिहार और झारखंड के कई मुस्लिम युवाओं की संदिग्ध आतंकवादी करार देकर गिरफ्तारियां की गईं। लेकिन पिछले 9 नवंबर को जिन चार नौजवानों को आतंकवादियों को धन पहुँचाने के सम्बंध में गिरफ्तार किया गया है उन्हें इंडियन मुजाहिदीन नहीं ठहराया गया बल्कि उन्हें केवल हवाला का रैकेट चलाने वाला गुट कहकर पकड़ा गया है। हालांकि इस बात की पुष्टि हुई है कि इन चारों कथित भगवा आतंकवादियों ने पटना धमाकों के लिए धन प्रदान किया था। पुलिस को जांच से पता चला है कि गोपाल कुमार गोयल, गणेश प्रसाद, पवन कुमार और विकास कुमार नाम के युवाओं के बैंक खातों में विदेशों से करोड़ों रुपये की रक़म आती है। इन आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए भागलपुर के एस.पी. राजीव मिश्रा ने कहा कि गिरफ्तार किए गए गिरोह के मास्टर माइंड गोपाल कुमार गोयल ने पुलिस के सामने कई महत्वपूर्ण रहस्य बताए हैं और ये स्वीकार किया है कि पाकिस्तान और मैंग्लोर में बैठे अपने आक़ा के निर्देश के अनुसार वो बैंकों में खाते के माध्यम से धन भेजने का काम करता था।
एसडीपी श्री विश्वास के अनुसार इस समूह के जालसाज़ी और आतंकवादियों को वित्तीय मदद पहुंचाने के सुबूत मिले हैं, जिनकी उच्चस्तरीय जांच शुरू हो चुकी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों ने सिर्फ 3 महीने में विभिन्न बैंकों के 51 खातों से एक करोड़ रुपये का लेनदेन किया है। गोयल ने पुलिस को बताया कि वो पाकिस्तान में अपने आक़ा के बताए गए खाते में धन हस्तांतरित करता था और उसके बदले उसे 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था। गिरफ्तार आरोपियों से बरामद किए गए मोबाइल और अन्य सुबूतों के आधार पर कहा जा रहा है कि इस गिरोह के तार पठानकोट, पंजाब, असम, मद्रास, महाराष्ट्र, मैंग्लोर, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और झारखंड से जुड़े बताए जाते हैं। पुलिस ने इस गिरोह के क़ब्ज़े से बगैर नंबर वाली स्कार्पियो कार, 7 मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड, 2 एटीएम कार्ड और दो दर्जन बैंकों के पास बुक बरामद किये हैं।
ये पहला मौक़ा है कि आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के सम्बंध में नौजवानों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इंडियन मुजाहिदीन के नाम पर सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों की गिरफ्तारी करती रही हैं और ये जानने की कभी कोई कोशिश नहीं की गई कि इंडियन मुजाहिदीन को पैसा कहाँ से मिल रहा है और ये किसके इशारे पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। हालांकि पुलिस ने अपनी विशेष मानसिकता के तहत नौजवानों को इंडियन मुजाहिदीन ठहराने के बजाय हवाला रैकेट चलाने वाला गुट करार दिया है लेकिन इन गिरफ्तारियों से ये ज़रूर साबित हो गया है कि इंडियन मुजाहिदीन के पीछे के तत्व मुसलमानों को आतंकवाद का ईंधन बनाने का दोहरा खेल खेल रहे हैं।
शंकर सिंह वाघेला ने अपने बयान में कहा है कि बोधगया और पटना में हुए धमाकों की पूरी तरह जांच होनी चाहिए क्योंकि ये धमाके संदेहास्पद लगते हैं और इस मामले में कुछ हिंदू आरोपी भी गिरफ्तार हुए हैं।
आतंकवादी गतिविधियों में संघ परिवार के लोगों का शामिल होना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले कई मुस्लिम को नुकसान पहुँचाने के लिए हुए बम धमाकों के सिलसिले में संघ परिवार के दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके चार्ज शीट किया जा चुका है। मालेगांव, मक्का मस्जिद, अजमेर शरीफ और समझौता एक्सप्रेस बम धमाकों में संघ परिवार से जुड़े भगवा आतंकवादियों की गिरफ्तारियां देश में चलाए जा रहे भगवा आतंकवाद के एक बहुत मजबूत नेटवर्क का पर्दाफाश कर चुकी हैं। अब ज़रूरत इस बात की है कि नए खुलासे की रौशनी में बोधगया और पटना बम धमाकों की गहराई से जांच होनी चाहिए क्योंकि बीजेपी जब तक नीतीश कुमार सरकार में शामिल थी उस वक्त तक वहां शांति कायम थी लेकिन जब से बीजेपी ने नीतीश कुमार सरकार से अपना समर्थन वापस लिया है वहाँ विध्वंसक गतिविधियां अपने चरम पर हैं और आतंकवादियों के हौसले बुलंद होने लगे हैं।
19 नवंबर, 2013 स्रोत: रोज़नामा अवधनामा, लखनऊ
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