मधु पाल
11 दिसंबर 2014
ट्रेजडी किंग’ और अभिनय सम्राट के नाम से मशहूर दिलीप कुमार 11 दिसंबर को 92 साल के हो गए.
हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के कई नामचीन कलाकार उन्हें अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं.
ऐसे ही कुछ कलाकारों ने दिलीप कुमार के बारे में और उनसे हुई कुछ दिलचस्प मुलाक़ातों के किस्से बीबीसी से बांटे.
सुनते हैं उन्हीं कलाकारों की ज़बानी.
अमिताभ बच्चन
उनके बारे में क्या बोलूं. वो बचपन से ही मेरे आदर्श रहे हैं. गंगा जमुना उनकी सबसे बेहतरीन फ़िल्म थी लेकिन इसके लिए उन्हें कोई अवॉर्ड नहीं मिला.
मुझे याद है जब फ़िल्म शक्ति में मैं उनके साथ काम कर रहा था तो कितना रोमांचित था.
उसी दौरान मैं एक सीन के लिए रिहर्सल कर रहा था तो वहां बड़ा शोर हो रहा था.
तब दिलीप साहब आए और ज़ोर से चिल्लाकर कहा, चुप हो जाओ. देखते नहीं, अमित रिहर्सल कर रहा है.
शक्ति मेरे और उनके दरमियां तनाव की कहानी थी लेकिन कैमरे के पीछे हमने बेहतरीन वक़्त बिताया.
एक दफ़ा मैं, सलीम और जावेद साहब रात को दो बजे उनसे मिलने चले गए.
ज़ाहिर है वो सो रहे थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि हम आए हैं तो वो फ़ौरन उठकर ड्राइंग रूम में आ गए और फिर दो घंटे हमसे गप्पें लगाईं.
दिलीप साहब को किसी सीन में देखकर लगता है कि इस सीन को इसके अलावा और किसी तरीके से किया ही नहीं जा सकता.
धर्मेंद्र
दिलीप साहब को स्क्रीन पर देखते ही ऐसा महसूस होता था जैसे वो मेरे भाई हैं जो शायद बिछड़ गए थे.
जब हमारी मुलाक़ात पहली दफ़ा हुई तो मैंने कहा भी था कि हम पैदा तो दो मांओं की कोख से हुए हैं लेकिन मुझे लगता है कि हम भाई ही हैं.
तब उन्होंने मुझे गले लगाकर कहा, "हां धरम हम भाई ही हैं."
60 के दशक में जब मैं उनसे मिलने पहली बार उनके घर गया तो उस वक़्त काफी ठंड थी.
उन्होंने मुझे एक स्वेटर दिया. वो स्वेटर आज भी मैंने संभाल कर रखा है.
उस दिन के बाद से उनके घर पर कोई भी फ़ंक्शन हो मैं फ़ट से पहुंच जाता हूं.
मेरा उनका रिश्ता बड़ा रूहानी किस्म का है.
मनोज कुमार
मैं दिलीप कुमार से ज़बरदस्त प्रभावित था. लेकिन फिर उस दौर में मीडिया ने कहना शुरू कर दिया कि मैं उनकी नकल करता हूं.
मैंने इस बात का कभी बुरा नहीं माना.
मैंने उनके साथ फ़िल्म आदमी की थी, जिसमें मैंने अपनी मौलिकता बनाए रखी.
मुझे ख़ुशी है कि मुझे अपने इस आइडल को निर्देशित करने का मौक़ा मिला फ़िल्म क्रांति में.
वो बड़े सहज कलाकार थे और उन्होंने मुझे कभी महसूस नहीं कराया कि वो मेरे सीनियर हैं.
कोई भी सीन उन्हें मैं समझाता कि साहब इसे ऐसे करना है तो वो बिलकुल मान जाते.
इतना बड़ा कलाकार कितना नम्र होता है ये मैंने उनसे जाना.
कादर ख़ान
मैं दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन का ज़बरदस्त प्रशंसक हूं. लेकिन अमिताभ, दिलीप साहब से दो बातों में पीछे रह गए.
मुझे लगता है कि पर्दे पर मर्द को सही तरीके से रोना और हंसना आना चाहिए वर्ना वो बड़ा फूहड़ लग सकता है.
दिलीप साहब में ये दोनों हुनर कमाल के थे.
उनसे बेहतर ये काम कोई नहीं कर पाया.
बाद में बच्चन ने भी उनसे प्रेरणा लेकर पर्दे पर ग़ज़ब ढाया.
नसीरूदीन शाह
मैं दिलीप साहब के शुरुआती दौर के काम से बड़ा प्रभावित था.
मैं ये नहीं कहूंगा कि उन्हें देखकर मैंने उनके जैसा बनना चाहा.
लेकिन इस बात से इनकार नहीं कि उनके काम का मुझ पर असर पड़ा.
कमल हसन
मुझे शिवाजी गणेशन साहब के अलावा अगर किसी ने एक्टिंग सिखाई है तो वो यूसुफ़ साहब ही हैं .
मैं अब भी उनकी एक्टिंग देखकर चकित रह जाता हूं कि कोई इंसान ऐसा कैसे कर लेता है.
वो अपने समय से बड़े आगे के अभिनेता थे.
Source: http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/2014/12/141210_dilip_kumar_celebrity_reaction_on_birthday_pkp
URL: https://newageislam.com/hindi-section/tragedy-king-dilip-kumar-/d/100441