कनीज़ फातमा, न्यू एज इस्लाम
दीन की पहचान नेकनीयती और इखलास हैl दीन का अनुसरण करने का दावा तो हर कोई करता है लेकिन अपने दावे में कौन सच्चा है और कौन झुटा इसका इल्म अल्लाह अलीम हकीम को हैl एक इंसान की हैसियत से हमारे उपर लाज़िम है कि हम इखलास और नेकनीयती के दामन को जीवन के हर क्षेत्र में मजबूती से थामे रखेंl हमारा हर कथन खुलूस व लिल्लाहियत के साथ होना चाहियेl एक बन्दे को चाहिए कि अपने रब की इबादत और उसके आदेशों का अनुसरण करने में इखलास व नेकनीयती का प्रदर्शन करे, एक मखलूक को चाहिए कि दोसरे मखलूक के साथ मामलों और संबंधों को सुंदरता और इखलास व नेकनीयती के साथ निभाएl एक शहरी की जिम्मेदारी यह है कि वह अपने देश के लिए पुरी वफादारी और इखलास व नेकनीयती के साथ जीवन गुज़ारे, इसके निर्माण व विकास में बढ़ चढ़ कर भाग लेl
ग़रज़ कि जीवन के है क्षेत्र में इखलास व नेकनीयती का प्रदर्शन आवश्यक है, क्योंकि बिना इखलास अमल स्वीकार्य नहीं होगाl अमीर जब गरीब की सहायता करे तो उसमें इखलास आवश्यक है, दिखावा नहीं होना चाहिएl दीन की दावत व तबलीग हो तो उसमें इखलास आवश्यक हैl अमन व शान्ति के बढ़ावे व स्थायित्व में इखलास व नेकनीयती अपरिहार्य है कि जिसके बिना सफलता संभव नहींl रिश्तेदारों, करीबियों, पड़ोसीयों, यतीमों, मिसकीनों, बच्चों, बूढ़ों औरतों, दुनिया के हर एक मखलूक के लिए जो फ़राइज़ व वाजिबात हैं उनकी बजा आवरी में इखलास व नेकनीयती आवश्यक हैl
कुरआन व सुन्नत ने कई स्थानों पर इखलास व नेकनीयती की शिक्षाओं पर जोर दिया हैl इस से पहली क़िस्त में हमने कुछ असबाक मुलाहिजा फरमाया अब उसी खुबसूरत कड़ी को आगे बढाते हुए और मवाद व इरशादात मुलाहिजा फरमाएंl
हज़रत अली रज़िअल्लहु अन्हु ने इरशाद फरमाया: अमल करने से अधिक मकबूलियत अमल की तरफ ध्यान दो क्या तुमने अल्लाह पाक का यह इरशाद नहीं सूना “انما یتقبل اللہ من المتقین” अर्थात अल्लाह उसी से कुबूल करता है जो मुत्त्कीन में से होl (अल मएदा: २७)
इमाम आमश रहमतुल्लाह अलैह से मरवी है, उन्होंने फरमाया: मैंने इब्राहिम से यह कहते हुए सूना: आदमी ऐसा अमल करता है जो लोगों की नज़र में अच्छा होता है मगर उस अमल से खुदा की ख़ुशी उसे मतलूब नहीं होती तो लोगों के नजदीक वह अमल नफरत व ऐब और बे चैनी का कारण बन जाता है और कोई शख्स ऐसा काम करता है जो लोगों की नज़र में अप्रिय होता है मगर वह इससे खुदा की रज़ा चाहते है तो वही अमल लोगों की मुहब्बत और अच्छाई का कारण बन जाता हैl
ज़मरा बिन हबीब से मरवी है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:
फरिश्ते अल्लाह के बन्दों में से किसी बन्दे के आमाल को ले कर उपर (आसमान) की और जाते हैं और उस अमल को कसीर और बेहतर समझते हैं यहाँ तक कि रब तआला की सलतनत में से वहाँ पहुँचते हैं जहां उसकी चाहत होती है तो अल्लाह उनकी और वही फरमाता है कि तुम मेरे बन्दे के अमल के निगहबान हो और मैं उसे देखता हूँ जो उसके दिल में होता है (अर्थात तुम ज़ाहिर देखते हो और मैं बातिन पर नज़र रखता हूँ (वह जगह कुफ्र व शिर्क और दोसरे गुनाह जैसे फिस्क व फुजुर को डाल दिया जाता है) में डाल दोl
फिर हुजुर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया: और फरिश्ते बन्दों में से किसी बन्दे का अमल ले जाते हैं और उसे कम और तुक्ष समझते हैं यहाँ तक कि जहां अल्लाह ने चाहा वहाँ पहुँचते हैं अल्लाह पाक उन पर वही फरमाता है कि तुम मेरे बन्दे के अमल के निगहबान हो और मैं उसे जानता हूँ जो उसके दिल में है तो उसके अमल को दुगना कर दो और उसे इल्लियीन में रख दोl (हदीस मुर्सल, असनाद ज़ईफ़)
हज़रत फुजैल बिन अयाज़ रहमतुल्लाह अलैह से मरवी है कि आयत करीमा “لیبلوکم ایکم احسن عملا” अर्थात ताकि वह तुम्हें आजमाए कि तुम से कौन अमल में बेहतर है (अल हूद:७) करके फरमाया अर्थात वह जो अधिक खुलूस और दुरुस्ती वाला हैl जब अमल में इखलास हो और दुरुस्ती ना हो तो वह स्वीकार्य नहीं है और अगर दुरुस्ती हो लेकिन इखलास ना हो तो भी वह मकबूल नहींl अमल में इखलास और दुरुस्ती दोनों हो जभी मकबूल होगाl इखलास उस समय होगा जब अमल खालिस अल्लाह के लिए हो और दुरुस्ती उस समय होगी जब सुन्नत के मुताबिक़ होl
उपर्युक्त कथनों से हमें इस बात की रगबत मिलती है कि हम अपने कॉल व फेल और किरदार व अमल में इखलास व नेकनीयती का प्रदर्शन करें हमारा अमल अल्लाह की रज़ा के लिए होना चाहिए इसमें बहुत रहमत व बरकत हैl इसी तरह अगर हम मौजूदा दौर के जालिमों और आतंकवादियों का मुकाबला करते समय इखलास व नेकनीयती को दिल में रखें और मकसूद केवल अल्लाह की रज़ा हो तो इंशाअल्लाह अवश्य उसमें सफलता मिलेगी वरना हमारा कॉल निरर्थ हो कर रह जाएगाl
अल्लाह पाक हमें इखलास व नेकनीयती के साथ अमल करने की तौफीक अता फरमाएl
URL for Urdu article: http://www.newageislam.com/urdu-section/kaniz-fatma,-new-age-islam/sincerity-and-good-intentions-–-concluding-part--اخلاص-ونیک-نیتی-کے-اسباق/d/118813