गुलाम गौस सिद्दीकी, न्यू एज इस्लाम
आज पुरी दुनिया अमन व शांति और चैन व सुकून की खोज मे लगी है, देश का लीडर हो या वजीर, मालिक हो या नौकर, अमीर हो या गरीब, अरब पति हो या झोपड़ी में रहने वाला इंसान, हर इंसान आराम व अशाइश, चैन व सुकून और इत्मीनान ए कल्ब पाने के लिए परेशान व प्रयासरत हैl अगर आप अपने दिमाग़ पर जोर डालें तो अंदाज़ा होगा की कट्टरवादी लोग या संगठन का उद्देश्य भी दरअसल हुकमरानी या दुसरे शब्दों में कहें तो आसाइश व आराम और चैन व सुकून पाना है, यह अलग बात है की कुछ संगठन दूसरों का चैन छीन कर और क़त्ल व खून के जरिये इस लक्ष्य को पाना चाहते हैंl कुछ देश ऐसे भी हैं जो दुसरे देशों को सांस्कृतिक, बौद्धिक व मानसिक गुलाम बना कर दुनिया पर अपनी बादशाहत कायम करने को अपनी कामयाबी, अमन व शांति और चैन व सुकून का सबब मानती हैंl इसके अलावा हालात चाहे सीरिया का हो या ईराक का, फिलिस्तीन का हो या बर्मा, अफगानिस्तान का हो या नाइजीरिया का, चाहे किसी भी देश का हो, हर जगह फसाद पैदा करने वाले तत्वों का एक ही उद्देश्य है और वह यह है की खुद के लिए ऐसा पद, ऐसी सरकार, ऐसी सल्तनत, या ऐसा माहौल पैदा किया जाए जहां उसे आसाइश व आराम और चैन व सुकून के सारे सामान हासिल हो जाएl संक्षिप्त यह कि सबका लक्ष्य एक ही है लेकिन कुछ लोग इस लक्ष्य को दूसरों पर ज़ुल्म व जबर करके पाना चाहते हैं और कुछ लोग दूसरों को आराम या तकलीफ देने से लापरवाह हो कर इस लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैंl
लेकिन मेरे दोस्तों! सवाल पैदा होता है की आखिर अमन व सुकून और इत्मीनान ए कल्ब कैसे हासिल किया जाए? यह समय की बड़ी विडंबना है की हम लोग इस सवाल पर गौर व फ़िक्र किए बिना अपनी अपनी मंजिल की तरफ रवां दवां हैंl और यही वजह है की हम चैन व सुकून, अमन व शांति, न्याय और इत्मीनान ए कल्ब(दिल का सुकून) हासिल करने में नाकाम हैंl
संभव है कि भौतिकवाद की इस भीड़ भाड़ वाली दुनिया में रहने वाले व्यस्त लोगों के लिए इस जवाब को तलाश करना थोड़ा कठिन हो जाए, हालांकि कुरआन मजीद ने बहुत आसान और स्पष्ट शब्दों में पुरी इंसानियत को यह पैगाम कतई सबूत और कतई दलील के साथ दे चुका हैl अल्लाह पाक का इरशाद है (اَلَا بِذِکرِ اللہِ تَطمَئِنُّ القُلُوبُ) अनुवाद: “खबरदार हो जाओ अल्लाह ही के ज़िक्र में दिलों का सुकून हैl” (सुरह रअद आयत 28)
असल में दिल का इत्मीनान बहुत बड़ी दौलत है जिस किसी को यह हिस्सा मिल जाए वह कामयाब तरीन इंसान है, चाहे वह दूसरों के देखने में कोई मामूली सा गरीब इंसान हो, लेकिन दिल का सुकून उस गरीब इंसान के लिए इतनी बड़ी दौलत और पूंजी ही जिसका एहसास और अंदाज़ा केवल वही कर सकता हैl
चाहे वह देखने में दूसरों की नज़र में कामयाब ही क्यों ना होl असल में ऐसा व्यक्ति अपनी असफलता की परेशानी बर्दाश्त कर रहा होता है जिसका अंदाज़ा दूसरों को नहीं दिखताl मगर कभी कभी ऐसा व्यक्ति यह समझ नहीं पाता कि जिस सुकून व आराम को पाने के लिए उसने इतनी ज़ाहिरी कामयाबी हासिल की असल में वह उसे पाने में असफल हो चुका हैl
मेरे कहने का उद्देश्य यह हरगिज़ नहीं कि दुनयावी हाजतों व जरूरतों (जैसे रहने के लिए मकान, खाने पीने की चीजों, पहनने के लिए कपड़े आदि) पुरी करने की कोशिश ना की जाए, बल्कि जरुर की जाए मगर इसके साथ साथ यह याद रखना चाहिए की दिल का इत्मीनान केवल और केवल अल्लाह के ज़िक्र में हैl
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