डाक्टर साहिल भारती, न्यू एज इस्लाम
तौबा का घर हमेशा खुला रहता है, अल्लाह का कोई भी बंदा अगर सच्चे दिल के साथ अपने गुनाहों की तौबा कर ले तो उसकी तौबा कुबूल होती है और अल्लाह उसे अपनी नेअमतों से नवाज़ता हैl यह एक ऐसा सच है कि कोई भी व्यक्ति चाहे तो अपने कर्मों के सुधार के माध्यम से खुद को एक नेक बन्दे की हैसियत से अल्लाह की निगाहों में बहाल करा सकता हैl अल्लाह की रहमत उस व्यक्ति पर उतरती है जो अपने गुनाहों से तौबा करता है, माफ़ी माँगता है और अपने खालिक के हुजुर में खड़े हो कर नेक राह पर चलने की दुआ करता हैl
हज़रत मूसा के दौर में एक बार जबर्दस्त किस्म का सुखा पड़ा, लोग बूंद बूंद पानी को तरस गए, तो हज़रत मुसा के दरबार में हाज़िर हुए और उनसे इल्तिजा की कि वह अल्लाह से रहमत और बारिश की दुआ करेंl हज़रत मुसा ने अपने लोगों को जमा कियाl खुले मैदान में ७५ हज़ार लोग जमा थेl हज़रत मूसा ने दुआ शुरू की, लगातार दुआओं के बाद आसमान से एक खुदाई आवाज़ हुई जिसमें जिसका खिताब अवाम से था लेकिन हुक्म हज़रत मूसा को था कि वह अपने समाज के उस गुनाहगार व्यक्ति से निजात हासिल करें जो चालीस साल से अधिक समय से शिर्क कर रहा थाl उसके खाते में गुनाह के बाद गुनाह जमा होते रहे और वह सज़ा का हकदार होता गयाl उस आवाज़ में यह भी कहा कि जब तक यह गुनाहगार सज़ावार नहीं होगा तब तक पुरे समाज को सूखे की सज़ा मिलती रहे गीl हज़रत मुसा गज़बनाक हुए, उन्होंने मजमे से खिताब करते हुए कहा कि वह गुनाहगार अपनी मर्जी से सामने आए और अपने गुनाहों के लिए शर्मिंदा होl उस व्यक्ति को अंदाजा हो गया कि उसका राज़ फाश हो चुका हैl वह शर्मिंदा थाl
उसने अपनी गलती का एहसास किया और अपनी पहचान बताए बिना खामोशी के साथ अल्लाह से दुआ की कि उसकी गलतियों को माफ़ कर दिया जाएl उसने अहद भी किया अब के बाद वह अल्लाह के हुक्म के अनुसार जीवन व्यतीत करेगाl क्रीम रब ने उसकी तौबा कुबूल कर लीl रहमत नाज़िल की और बारिश होने लगीl हज़रत मुसा हैरान थे, उन्होंने अल्लाह से पूछा कि यह स्थिति अचानक कैसे बदल गईl बारिश भी हो गई और गल्ले इफरात भी हो गईl क्रीम रब ने उन्हें जवाब में बताया कि उसने गुनाह गार की तौबा कुबूल कर ली, उसके गुनाह मुआफ कर दिए और उसकी पहचान भी अवाम से बचा लीl यह घटना यह बताने के लिए काफी है कि दिल से तौबा की जाए, माफ़ी मांगी जाए तो अल्लाह पाक अपनी रहमतों से नवाज़ता हैl
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