सऊदी सरकार ने कई शरारती तत्वों को गिरफ्तार कर के सलाखों के
पीछे भेज दिया है
प्रमुख बिंदु:
1. 28 अप्रैल को पाकिस्तान के दो मंत्रियों के पाकिस्तानी
प्रदर्शनकारियों ने मस्जिदे नबवी के अंदर मार पीट किया
2. सुचना व प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब और काउंटर नारकोटिक्स
मंत्री शाहजैन बगटी मस्जिदे नबवी में थे
3. प्रदर्शनकारी ‘चोर, चोर’ ‘गद्दार’ और ‘शर्म करो’ के नारे लगा रहे थे
4. प्रदर्शनकारियों में से एक ने मिस्टर बगटी के बाल खींचे
5. प्रदर्शनकारियों ने मरियम औरंगजेब के खिलाफ अभद्र भाषा
इस्तेमाल का इस्तेमाल किया
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न्यू एज इस्लाम स्टाफ राइटर
30 अप्रैल 2022
The spokesperson for the Madinah
Police said the suspects were “referred to the competent authorities after
legal procedures were completed against them.” (Screenshots)
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पाकिस्तान में राजनीतिक शत्रुता और एक दुसरे पर कीचड़ उछालने की परंपरा बेमिसाल हद तक गिर चुकी है। जबसे इमरान खान को सत्ता से हटाया गया है वह शहबाज़ शरीफ सरकार के खिलाफ मुहिम जुई में व्यस्त हैं। उन्होंने पाकिस्तान के कई शहरों में राजनीतिक जलसे किये हैं और दोनों जमातों के बीच शब्दों की जंग भी उरूज पर है। कभी कभी शब्दों की यह जंग व्यक्तिगत हमलों तक भी पहुँच जाती है।
लेकिन पिछले जुमेरात को यह राजनीतिक शत्रुता इस हद तक गिर गई कि पाकिस्तानियों को न तो इसकी उम्मीद थी और न ही वह इसका बचाव कर सके।
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और उनकी कैबिनेट मंत्रि मरियम औरंगजेब और शाहजैन बगटी सऊदी अरब के 3 दिवसीय सरकारी दौरे पर थे। मरियम औरंगजेब और शाहजैन बगटी शाम के समय मस्जिदे नबवी की जियारत के लिए आए हुए थे। उनकी आमद पर पाकिस्तानी, जो बज़ाहिर इमरान खान और उनकी पार्टी पी टी आई के समर्थक थे, उन्होंने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने उनके मुंह पर ‘शर्म करो, शर्म करो, चोर चोर, गद्दार’ के नारे लगाए और दोनों मंत्रियों के खिलाफ अभद्र भाषा इस्तेमाल किये। प्रदर्शनकारियों में से एक ने मिस्टर बगटी के बाल भी खींचे और फरार हो गया।
यह सब कुछ उस मस्जिदे नबवी के अंदर हुआ जो मक्का में काबा और यरोश्लम में मस्जिदे अक्सा के साथ इस्लाम की तीन मुकद्दस तरीन मस्जिदों में से एक है। पाकिस्तानी मुसलमानों का यह अनैतिक व्यवहार हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में बे अदबी है और दुनिया भर के मुसलमानों ने इस शर्मनाक घटना पर गम व गुस्से का इज़हार किया है। अपने समर्थकों को इस हद तक गिर जाने के लिए भड़काने पर पाकिस्तान में इमरान खान और उनकी पार्टी के रहनुमाओं को आलोचना का निशाना बनाया जा रहा है।
इमरान खान के करीबी मौलाना तारिक जमील सहित धार्मिक वर्ग ने इस कार्य की निंदा की है। लेकिन इमरान खान ने अभी तक इस घटना की निंदा में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।
मौलाना ताहिर अशरफी ने कहा कि राजनीतिक मतभेद के कारण मस्जिदे नबवी का अपमान किया गया। यह अस्वीकार्य है। इस्लामिक इस्कालर मोहम्मद अली मिर्ज़ा ने कहा कि यह बहुत बड़ा गुनाह और नबी पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में गुस्ताखी है, इमरान खान को इस घटना की निंदा में सार्वजनिक बयान जारी करना चाहिए। इसके उलट पी टी आई के कुछ रहनुमा घटना का बचाव करते हुए नज़र आए। पी टी आई के एक रहनुमा इकबाल खान आफरीदी ने कहा कि यह एक बेसाख्ता अवामी प्रतिक्रिया थी जो कि मस्जिद के बाहर पेश आया। उन्होंने कहा कि चोर को केवल चोर ही खा जाएगा चाहे किसी मुकद्दस जगह पर ही क्यों न हो। लेकिन इंजिनियर अली मिर्ज़ा ने कहा कि यह केवल एक बिना सर पैर का उज्र है और मस्जिद की सीमा के अंदर का पूरा हिस्सा मस्जिद के तहत ही आता है।
पाकिस्तानी मिडिया रिपोर्टों के अनुसार इमरान खान और शैख़ रशीद मदीना में अपने समर्थकों को उन पर हमला करने के लिए उकसा रहे थे। घटना के बाद शैख़ रशीद के भाई राशिद काशिफ़ और एक मरकजी मंत्री ने भी इस घटना पर ख़ुशी का इज़हार किया है।
इस दौरान सऊदी सरकार ने शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाही करते हुए घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस शर अंगेजी में लिप्त हर व्यक्ति पर 60000 सऊदी रियाल जुर्माना और पांच साल की कैद की सज़ा सुनाई गई है।
इस घटना से [पता चलता है कि हालिया वर्षों में पाकिस्तान के अंदर असहिष्णुता में इज़ाफा हुआ है। मस्जिदे नबवी में पेश आने वाले घटना के प्रतिक्रिया में पूर्व डिपटी इस्पीकर और पी टी आई रहनुमा कासिम खान सूरी पर जुमे की रात इस्लामाबाद में सहरी के वक्त कुछ शर पसंदों ने उस वक्त हमला किया जब वह एक होटल में बैठे थे। दोनों समूहों ने रमज़ान के महीने का भी सम्मान नहीं किया।
घटना पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए मरियम औरंगजेब ने खा कि पी टी आई ने राजनीतिक लाभ के लिए मस्जिदे नबवी की हुरमत को पामाल किया है।
इमरान खान ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार को गिराने की साज़िश अमेरिका में रची गई और शहबाज़ शरीफ को उन्होंने अमेरिका की कठपुतली करार दिया था। शहबाज़ शरीफ और उनके बेटे हमज़ा पर पाकिस्तान की वफाकी अदालत में ज़मीन की गैर कानूनी एलाटमेंट और मनी लांड्रिंग से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमे चल रहे हैं और उन पर 14 मई को फर्दे जुर्म आयद की जा सकती है।
तथापि, इससे उनकी कैबिनेट के मंत्रियों के साथ परदेश में एक मुकद्दस जगह पर बदतमीज़ी करने का जवाज़ नहीं बनता। बल्की इससे तो केवल यह ज़ाहिर होता है कि इमरान खान या इस मामले में पाकिस्तान के राजनीतिज्ञ अपने हज्बे मुखालिफ को नुक्सान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं।
इमरान खान को इसलिए भी आलोचना का निशाना बनाया जा रहा है कि उनका दावा है कि वह पाकिस्तान को नबी के ज़माने की रियासत मदीना जैसा बनाना चाहते हैं। आलोचकों का सवाल है कि क्या वह यही रियासत बनाना चाहते हैं। इसलिए उनका मानना है कि उनके यह बयान केवल अवामी हिमायत हासिल करने की चाल हैं।
इमरान खान ने शिक्षा का इस्लामीकरण और दुसरे इकदामात की बुनियाद पर मज़हबी हलकों और आम पाकिस्तानियों की हिमायत हासिल की है जिसने उन्हें इस्लाम के अलमबरदार के तौर पर पेश किया है। उन्होंने बड़ी कामयाबी के साथ शाहबाज़ शरीफ को अमेरिका का एजेंट बना कर पेश कर दिया है। भ्रष्टाचार के आरोप ने उनकी शबीह को और बिगाड़ दिया है। उनकी पार्टी वालों को पाकिस्तानियों की अक्सरियत चोरों की जमात समझती है जिन्होंने पाकिस्तानियों के दुश्मनों की मदद से सत्ता पर कब्ज़ा किया है।
बहर हाल, मस्जिदे नबवी में नारे लगाना, एक खातून वज़ीर को गाली देने और दूसरी वज़ीर को बुरा भला कहने की यह घटना निंदनीय है। यह घटना केवल यह ज़ाहिर करता है कि पाकिस्तानी समाज किस कदर असहिष्णुता और हिंसक हो चुका है।
English Article: Unruly Behaviour, Slogan Shouting And Abusive
Language By Pakistanis Inside The Prophet's Mosque In Madina During Ramazan
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