डॉ. मुहम्मद नजीब कासमी संभली, न्यू एज इस्लाम
अपने आदरणीय दादा के नक्शेकदम पर चल कर, देश व कौम की सेवा करना मेरा
पहला कर्तव्य है: जिया उर रहमान बर्क
(संभल) 4 बार के विधानसभा सदस्य और 5 बार के सांसद डॉ. शफीकुर रहमान बर्क़ को खिराजे अक़ीदत पेश करने के लिए गुरुवार 7 मार्च 2024 को अल-नूर पब्लिक स्कूल, नखासा में एक ताज़ियति जलसे का आयोजन किया गया, जिसमें प्रमुख हस्तियां, सम्भल शहर के उलामा और बड़ी संख्या में डॉ. बर्क़ के चाहने वाले शामिल हुए। श्री जिया उर रहमान बर्क (विधानसभा सदस्य) ने डॉ. शफीकुर रहमान बर्क के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए घोषणा की कि वह 2024 में दादा के नाम पर एक कॉलेज की नींव रखने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने दादा के नक्शे कदम पर चलेंगे और देश की सेवा करेंगे। साथ ही, ज़ियाउर रहमान बर्क़ ने तालीमी इदारों, विशेष रूप से अल-नूर पब्लिक स्कूल और अल-क़लम पब्लिक स्कूल के लिए हर समय सेवाएं प्रदान करने का अज़्म किया।
इस अवसर पर मौलाना मुहम्मद मियां कासमी, मौलाना मुहम्मद सुहैल कासमी, डा. हफीजुर्रहमान फलाही, जनाब राशिद प्रमुख, मुफ्ती मुहम्मद जुनैद कासमी, मास्टर मकसूद हसन, जनाब मुस्लिम गय्यूर, मुहम्मद जमाल एडवोकेट, जनाब तंजील अहमद, मुफ्ती मुहम्मद जुनैद कासमी, मौलाना मुहम्मद जकारिया कासमी और मौलाना मुजम्मिल हुसैन मुरादाबादी ने डॉ. शफीकुर रहमान बर्क के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और अपने विचार रखे और अल्लाह से दुआ की कि जियाउर्रहमान बर्क 2024 के चुनाव में निर्वाचित होकर संसद में पहुंचें। मुक़र्रिरीन (वक्ताओं) द्वारा डॉ. बर्क के जिन गुणों और खूबियों का उल्लेख किया गया उनमें झूठी ताकतों से न डरना, हमेशा सच बोलना, इस्लामी संस्कृति को मजबूती से पकड़े रहना, अल्पसंख्यक समूहों, विशेषकर मुसलमानों के लिए सड़कों से संसद तक आवाज उठाना, भलाई करना, सुन्नत का पालन करने की उत्तम भावना, मामलों की सफाई, निडर होकर अपनी राय व्यक्त करना, गरीबों की मदद करना, रात में अल्लाह की इबादत करना, समय की पाबंदी, ईमानदारी और लोगों के साथ सच्ची सहानुभूति का उल्लेख करना खास हैं।
डॉ. मुहम्मद नजीब कासमी ने डॉ. बर्क के जीवन की एक संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की और अल-नूर पब्लिक स्कूल और अल-क़लम पब्लिक स्कूल के लिए डॉ. बर्क की सेवाओं की सराहना की और जिया उर रहमान बर्क से तालीमी संस्थानों को पूर्ण समर्थन देने का अनुरोध किया। अल-नूर सोसाइटी की ओर से डॉ. मुहम्मद नजीब कासमी ने जनाब जियाउर्रहमान बर्क को जुब्बह पहनाकर सम्मानित किया और उनसे दरखास्त की कि वह अपने दादा के सच्चे उत्तराधिकारी बनें और देश व कौम की सेवा करें। मौलाना मुज़म्मिल हुसैन मुरादाबादी ने जलसे की निज़ामत की। जलसे के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल मोईद कासमी की इख्तेतामी तक़रीर और उनकी दुआ के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। डॉ. बर्क को खिराजे अक़ीदत पेश करने में कारी मुहम्मद अकरम कासमी की नज़्म और कारी मुहम्मद नौमान द्वारा सुनाई गई डॉ. बर्क की कुछ कविताओं को दर्शकों ने बहुत सराहा। डॉ. बर्क के लिए मुहम्मद कामिल और मुहम्मद बाक़र द्वारा दिन और रात की सेवाओं को भी याद किया गया। ताज़ियति जलसे की शुरुआत कारी मुहम्मद आसिम की तिलावते कुरान और कारी मुहम्मद सादान की नाते पाक से हुई।
ताज़ियति जलसे में मौलाना मुहम्मद आसिफ कासमी, मुहम्मद तौसीफ एडवोकेट,
डॉ. अंजार हुसैन, मौलाना तंज़ीम कासमी, मुफ्ती राशिद कासमी, मास्टर अमजद, साद नौमानी, शाहरुज अख्तर, मेंबर फ़ुरक़ान, शाने रब अलीग, मुहम्मद कामिल, मुहम्मद बाक़र, मुहम्मद हसीब, मुहम्मद फहीम, मुहम्मद अनादिल, मुहम्मद फरहान, मुहम्मद कमर, मुहम्मद असद, हबीब-उर-रहमान, मुहम्मद सहीम, अदीब-उर-रहमान, सफवान रागिब, मुहम्मद सुभान, मुहम्मद हननान, मुहम्मद यासिर, सलीम खान, ख्वाजा मुनीब, हाजी मुहम्मद नबी, कारी अतीक, मुहम्मद नौमान, फरहीन इब्राहिम, सलमान अंजार, मुहम्मद फरहान इलियास,
मुहम्मद दानिश, मुहम्मद वसीम, मुआजुर रहमान, मुहम्मद मरगूब, मुहम्मद फरमान, हाजी गुड्डू, मुहम्मद फैज़ान, मुहम्मद अल्तमश, मुहम्मद मुग़ीर, शान वारिस, मुहम्मद कसीर, मुहम्मद खुर्शीद और मुहम्मद रज़ी
आदि मौजूद रहे।
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